ताजा खबरें | बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्रीय सहायता दिए जाने की राज्यसभा में उठी मांग

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में शुक्रवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने नर्सों को सम्मानजनक वेतन और गरिमापूर्ण जीवन देने, बाढ़ प्रभावित राज्यों को पर्याप्त केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराने और सफाई कर्मचारियों की दुर्घटनाओं में मुत्यु होने पर मुआवजा में भेदभाव नहीं बरतने की मांग उठाई।

नयी दिल्ली, 26 जुलाई राज्यसभा में शुक्रवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने नर्सों को सम्मानजनक वेतन और गरिमापूर्ण जीवन देने, बाढ़ प्रभावित राज्यों को पर्याप्त केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराने और सफाई कर्मचारियों की दुर्घटनाओं में मुत्यु होने पर मुआवजा में भेदभाव नहीं बरतने की मांग उठाई।

इस दौरान कुछ सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रेल सुविधाओं को बढ़ाने और स्वीकृत रेल परियोजनाओं में तेजी लाने की भी मांग की।

केरल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वीके शिवदासन ने देश में नर्सों की स्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रति 1,000 की जनसंख्या पर तीन नर्स होनी चाहिए लेकिन देश में यह संख्या इसका आधा भी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश को 60 लाख नर्सों की आवश्यकता है। यहां पर्याप्त अस्पताल तक नहीं हैं। हमारे पास पर्याप्त नर्सें नहीं हैं और नर्सों को उचित वेतन नहीं मिल रहा है।’’

उन्होंने कहा कि देश में नर्स और रोगी का अनुपात भी पर्याप्त नहीं है। नर्सों को प्रतिदिन 9 से 14 घंटे काम करना पड़ता है और उनका शुरुआती वेतन न्यूनतम वेतन से भी काफी कम है।

उन्हें बहुत प्रतिकूल नियमों और शर्तों के साथ काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

शिवदासन ने कहा, ‘‘वे बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं। उनकी अच्छी आय, करियर के लक्ष्य और नर्सिंग समुदाय की गरिमा सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है।’’

उन्होंने सरकार से इस दिशा में उपयुक्त कदम उठाए जाने की मांग की।

तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने असम और पश्चिम बंगाल में भीषण बाढ़ का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे दोनों राज्यों में भारी नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ आती है लेकिन अभी तक कोई योजना उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को पर्याप्त निधियां दीजिए। यह मत कहिए कि उत्तर बंगाल को अलग कर दिया जाना चाहिए और बराक घाटी को अलग कर दिया जाना चाहिए। हमें निधि चाहिए। बाढ़ को रोकने के लिए हमें समाधान दीजिए। असम और बंगाल में पुनर्वास के लिए धन दीजिए।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अजीत माधवराव गोपचड़े ने नांदेड़-बीदर रेल लाइन को 2018-19 के बजट में मंजूरी दिए जाने के बावजूद आज तक इसके पूरा न होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आज तक कोई ठोस करवाई नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और कर्नाटक के आध्यात्मिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए नांदेड-बीदर रेल लाइन निर्माण को तत्काल शुरू करने की कृपा करें।

कांग्रेस की जेबी माथेर ने सफाई कर्मचारियों का मुद्दा उठाया और कहा कि वे बिना किसी सुरक्षा कवच और उचित प्रशिक्षण के काम करते हैं और इस कारण अक्सर उन्हें चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने उनकी स्थिति में सुधार लाने और दुर्घटना की स्थिति में उचित मुआवजे की व्यवस्था करने का आग्रह किया।

भाजपा के मदन राठौड़ ने पाली जिला मुख्यालय से जयपुर और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन सेवा आरंभ करने की मांग उठाई।

उन्होंने कहा कि पाली कपड़ा उद्योग का हब है और इस कारण वहां के लोगों का अक्सर जयपुर और दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि एक भी ट्रेन ऐसी नहीं है जो वहां से रात्रि में खुलती हो और सुबह जयपुर या दिल्ली पहुंचाए।

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