देश की खबरें | दिल्ली आबकारी घोटाला मामला: न्यायालय ने शराब कंपनी के कार्यकारी अधिकारी की अंतरिम जमानत बढ़ाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाला से संबंधित धनशोधन मामले में मुकदमे का सामना कर रहे शराब कंपनी ‘पेरनॉड रिकार्ड’ के कार्यकारी अधिकारी बिनॉय बाबू की अंतरिम जमानत की अवधि बुधवार को ‘मानवीय आधार’ पर बढ़ा दी।

नयी दिल्ली, छह सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाला से संबंधित धनशोधन मामले में मुकदमे का सामना कर रहे शराब कंपनी ‘पेरनॉड रिकार्ड’ के कार्यकारी अधिकारी बिनॉय बाबू की अंतरिम जमानत की अवधि बुधवार को ‘मानवीय आधार’ पर बढ़ा दी।

बाबू के वकील ने उच्च न्यायालय ने कहा कि उनके मुवक्किल की नाबालिग बेटियां पिछले कुछ महीनों से अवसादग्रस्त हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय से उनके मुवक्किल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया ताकि वह अपनी बेटियों की देखभाल कर सकें।

बाबू फिलहाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं और उन्हें नौ सितंबर को आत्मसमर्पण करना था।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि अदालत आरोपी की अंतरिम जमानत 19 सितंबर तक के लिए बढ़ा रही है।

न्यायमूर्ति शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह राहत पूरी तरह से मानवीय आधार पर दी गयी है इसलिए अपनी बेटियों की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर आरोपी की ओर से अंतरिम जमानत अब और बढ़ाने की मांग न की जाए।

निचली अदालत से अंतरिम जमानत बढ़ाने की अनुमति नहीं मिलने पर बाबू ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। उनके वकील विकास पाहवा ने उनके लिए उच्च न्यायालय से मानवीय आधार पर तीन सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाने का अनुरोध किया था।

बाबू की ओर से पेश एक अन्य वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने कहा कि आजकल कई बच्चे अवसाद में खुदकुशी कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल अपनी बेटियों की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ही अंतरिम जमानत बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील जोहेब हुसैन ने यह कहते हुए इस याचिका का विरोध किया कि अंतरिम जमानत इस आधार पर नहीं बढ़ायी जा सकती है और यदि बढ़ायी जाती है तो दूसरे भी इस आधार पर राहत का अनुरोध करेंगे।

इस बीच उच्च न्यायालय ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को धनशोधन मामले के अन्य आरोपी अमित अरोड़ा को सर्जरी के बाद के इलाज के लिए राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया।

अरोड़ा के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा था कि अंतरिम जमानत पर बाहर निकलने के बाद यहां एक निजी अस्पताल में उनके मुवक्किल ने बेरिएट्रिक सर्जरी (वजन कम कराने से संबंधित सर्जरी) करायी थी और फिर आत्मसर्मपण कर दिया था, जिसके बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति बहुत खराब हो गयी है।

न्यायमूर्ति शर्मा ने राममनोहर लोहिया अस्पताल के अधीक्षक को अरोड़ा की स्थिति के परीक्षण के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन करने और उच्च न्यायालय को साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने का निर्देश भी दिया।

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के अनुसार आबकारी नीति में फेरबदल के दौरान अनियमितताएं की गयी थीं।

धनशोधन का मामला सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस अनियमितता की सीबीआई जांच का आदेश दिया था जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

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