देश की खबरें | दिल्ली कोचिंग मौत: उपराज्यपाल ने दो डीएफएस अधिकारियों के निलंबन को मंजूरी दी

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नयी दिल्ली, 23 दिसंबर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने यहां एक कोचिंग सेंटर के भूमिगत तल में पानी भर जाने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत के संबंध में कथित लापरवाही के लिए दिल्ली अग्निशमन सेवा के दो अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मंजूरी दे दी है। उनके कार्यालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उपराज्यपाल कार्यालय ने एक पत्र में कहा कि ग्रुप ‘ए’ के दो अधिकारी, डिवीजनल अधिकारी वेद पाल और सहायक डिवीजनल अधिकारी उदय वीर सिंह, लापरवाही और तथ्यों को छिपाने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

पत्र के अनुसार, उपराज्यपाल के निर्देश के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अन्य दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

पत्र में कहा गया, “घटना की गहन जांच के बाद संभागीय अधिकारी वेद पाल और सहायक संभागीय अधिकारी उदय वीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है।”

ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउज आईएएस कोचिंग सेंटर के भूमिगत तल में 27 जुलाई को भारी बारिश के कारण कुछ ही मिनटों में पानी भर गया था, जिसके कारण वहां फंसे तीन छात्रों की मौत हो गई थी। भूमिगत तल का इस्तेमाल लाइब्रेरी के रूप में किया जा रहा था।

पत्र में कहा गया, “जिला मजिस्ट्रेट (मध्य) द्वारा की गई विस्तृत जांच से पता चला कि दोनों निलंबित अधिकारियों ने अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए परिसर का निरीक्षण किया था।”

इसमें कहा गया, “हालांकि, पाया गया कि उन्होंने भूमिगत तल के लाइब्रेरी के रूप में दुरुपयोग किए जाने के बारे में जानकारी छिपाई और मामले को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को संदर्भित करने में विफल रहे। नतीजतन, नौ जुलाई को गलती से अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।”

जांच में एमसीडी के कुछ अधिकारियों पर भी उंगली उठाई गई, जिन्होंने अवैध रूप से संचालित भूमिगत लाइब्रेरी का निरीक्षण करने और उसे सील करने के अपने कर्तव्य की उपेक्षा की और सितंबर 2021 में पूर्णता सह कब्जा (कंप्लीशन कम ऑक्यूपेंसी) प्रमाण पत्र जारी किया।

इसमें कहा गया है कि क्षेत्र में खराब जल निकासी बुनियादी ढांचे के लिए जिम्मेदार एमसीडी और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई शुरू की जा रही है।

पत्र में कहा गया है कि निलंबन आदेश के बाद, आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के लिए मामला राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण को भेजा जाएगा।

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