ताजा खबरें | मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. मणिपुर के मुद्दे पर संसद में मानसून सत्र के प्रारंभ से जारी गतिरोध अब भी बरकरार है। सोमवार को विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

नयी दिल्ली, 31 जुलाई मणिपुर के मुद्दे पर संसद में मानसून सत्र के प्रारंभ से जारी गतिरोध अब भी बरकरार है। सोमवार को विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

हंगामे के बीच ही लोकसभा ने ‘चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023’ को ध्वनिमत से मंजूरी दी। राज्यसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। इस तरह विधेयक को अब संसद की मंजूरी मिल गयी है।

निचले सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तब कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये।

पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने शोर-शराबे के बीच ही सभा पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाये।

चलचित्र विधेयक पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में फिल्म उद्योग के हर पक्ष का ध्यान रखा गया है तथा इसे व्यापक चर्चा के बाद लाया गया है।

उन्होंने कहा कि पायरेसी के कारण फिल्म जगत को हर साल 20 से 22 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है और इस विधेयक के माध्यम से फिल्म जगत की बहुत लंबे समय से जारी मांग को पूरा किया गया है।

ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में फिल्म प्रमाणन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान किया गया है।

निचले सदन ने लोकसभा द्वारा यथापारित ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ और ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ में सरकार द्वारा राज्यसभा में लाये गये संशोधनों को शोर-शराबे के बीच ही स्वीकृति दे दी।

लोकसभा ने गत दिसंबर में हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ से संबंधित इन विधेयकों को पारित किया था।

हिमाचल प्रदेश के सिरोमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को राज्यसभा ने गत 26 जुलाई को सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों के साथ मंजूरी दी थी।

छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ को उच्च सदन ने सरकारी संशोधनों के साथ 25 जुलाई को मंजूरी दी थी।

विपक्षी दलों के सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहने पर पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही 2 बजकर करीब 50 मिनट पर मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की दर्शक दीर्घा में मौजूद मलावी गणराज्य के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उनके सफल एवं सुखद भारत प्रवास की कामना की। सदस्यों ने भी मेजें थपथपाकर मेहमान संसदीय प्रतिनिधिमंडल का अभिवादन किया।

इसके बाद बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसी समय विपक्षी सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। हाथों में तख्तियां लिए हुए कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

हंगामे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।

बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की।

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 15 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही अब तक बाधित रही है।

कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गत बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे।

संसद के मानसून सत्र की 20 जुलाई से शुरूआत होने के बाद से ही दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया हुआ है और इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही बाधित हुई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने सदन में कहा है कि मणिपुर की घटना पर सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार है।

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद इस घटना के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा गया है।

इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के संसदीय शिष्टमंडल ने हाल में मणिपुर का दौरा किया है।

दीपक

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