देश की खबरें | दिवाली के अगले दिन दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिवाली के अगले दिन शुक्रवार को दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, पटाखे फोड़े जाने और पराली जलाए जाने की घटनाओं के चलते पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 462 दर्ज किया गया।
नयी दिल्ली, पांच नवंबर दिवाली के अगले दिन शुक्रवार को दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, पटाखे फोड़े जाने और पराली जलाए जाने की घटनाओं के चलते पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 462 दर्ज किया गया।
वर्ष 2020 में दिवाली के अगले दिन 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 435 था जबकि 2019 में 368, 2018 में 390, 2017 में 403 और 2016 में 445 रहा था। इस साल दिवाली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया जोकि वर्ष 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 रहा था।
प्रतिबंध को दरकिनार कर दिवाली पर पटाखे फोड़ने और पराली जलाए जाने से होने वाले उत्सर्जन का योगदान बढ़कर 36 फीसदी होने के कारण शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में आसमान में धुएं का गुबार छा गया।
दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं।
दिल्ली के पड़ोसी शहरों में एक्यूआई ''गंभीर'' की श्रेणी में दर्ज किया गया जोकि फरीदाबाद में 469, ग्रेटर नोएडा में 464, गाजियाबाद में 470, गुरुग्राम में 472 और नोएडा में 475 दर्ज किया गया।
उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच को ''गंभीर'' माना जाता है।
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