देश की खबरें | अदालत उस आरोपी का बचाव नहीं करेगी जो सहयोग नहीं कर रहा, फरार है : उच्चतम न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने कथित दंगा मामले में व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत उस आरोपी के बचाव में नहीं आएगी जो जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और फरार है।
नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने कथित दंगा मामले में व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत उस आरोपी के बचाव में नहीं आएगी जो जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और फरार है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मार्च 2017 में हुई घटना के संबंध में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 147 (दंगा के लिए सजा) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले के संबंध में याचिकाकर्ता और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ नवंबर 2018 में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता लगातार फरार है और उसके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत फरार घोषित करने की कार्रवाई भी शुरू की जा चुकी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस साल जून में व्यक्ति की अग्रिम जमानत के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2019 में निर्देश दिया था कि यदि याचिकाकर्ता 30 दिनों के भीतर अदालत के सामने पेश होता है और आत्मसमर्पण करता है और जमानत के लिए आवेदन करता है, तो जमानत के लिए उसकी प्रार्थना पर विचार किया जाएगा और इस मामले में उसके खिलाफ 30 दिनों की अवधि के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय, जो आरोप पत्र को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर चुका था, उसके दिसंबर 2019 के आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता ने आत्मसमर्पण नहीं किया और नियमित जमानत के लिए आवेदन किया और उसके बाद उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया।
पीठ ने अपने सात अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘‘अदालत बचाव में नहीं आएगी या उस आरोपी की मदद नहीं करेगी जो जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहा है और फरार है और जिसके खिलाफ न केवल गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है बल्कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत फरार भी घोषित किया गया है।’’
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