जरुरी जानकारी | न्यायालय ने शुल्क दर मामले में ट्राई के आदेशों पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के दूरसंचार शुल्क आदेशों को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया।
नयी दिल्ली, 29 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के दूरसंचार शुल्क आदेशों को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने इस संबंध में केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि ऐसे मामलों को दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट में सुलझाना चाहिए।
इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने ट्राई द्वारा जारी दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) विनियम, 2017 और दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा (आठवां) (एड्रेसेबल सिस्टम) टैरिफ आदेश, 2017 के कुछ प्रावधानों के खिलाफ भारतीय प्रसारण और डिजिटल फाउंडेशन (आईबीडीएफ) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने कहा था कि आईबीडीएफ को टैरिफ आदेशों की समीक्षा के लिए टीडीसैट (दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण) से संपर्क करना चाहिए था।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ''नियमों के तहत टैरिफ आदेशों को टीडीसैट के समक्ष चुनौती दी जा सकती है।''
न्यायालय ने यह भी कहा कि नियमों को चुनौती देने के लिए बाद में ट्राई अधिनियम की धारा 18 के तहत वैधानिक अपील के जरिये इस न्यायालय में अपील की जा सकती है।
आईबीडीएफ ने अपनी याचिका में बीएसएनएल बनाम ट्राई मामले में शीर्ष न्यायालय के 2014 के फैसले का हवाला दिया और कहा कि इसने ट्राई नियमों की समीक्षा करने के टीडीसैट के अधिकार को सीमित कर दिया है, जिससे अधिकार क्षेत्र के बारे में अस्पष्टता पैदा हो गई है।
पीठ ने दलील को स्वीकार किया और स्पष्ट किया कि आईबीडीएफ शुल्क संबंधी विवादों के लिए टीडीसैट से संपर्क कर सकता है और बाद में यदि आवश्यक हो तो वैधानिक उपाय अपना सकता है।
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