देश की खबरें | सुरजागढ़ खदान आगजनी मामले में गाडलिंग की जमानत याचिका पर न्यायालय आठ फरवरी को करेगा सुनवाई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय 2016 के सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान आगजनी मामले में वकील सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर आठ फरवरी को सुनवाई करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हो गया।
नयी दिल्ली, एक फरवरी उच्चतम न्यायालय 2016 के सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान आगजनी मामले में वकील सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर आठ फरवरी को सुनवाई करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने गाडलिंग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने के बाद इसपर सुनवाई की सहमति दी।
शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गाडलिंग की याचिका पर पिछले वर्ष दस अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार को एक नोटिस जारी किया था।
पिछले वर्ष 31 जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गाडलिंग को जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आरोप सही हैं।
माओवादियों ने 25 दिसंबर 2016 को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरजागढ़ खदान से लौह अयस्क ले जाने में शामिल 76 वाहनों में कथित तौर पर आग लगा दी थी।
गाडलिंग पर माओवादियों को मदद देने तथा विभिन्न सह-आरोपियों के साथ साजिश रचने का आरोप है।
उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून तथा भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गाडलिंग 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद के एक सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़े एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में भी आरोपी हैं। पुलिस का दावा है कि इस भाषण के बाद पुणे जिले में अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़क उठी थी।
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