ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि मामले में राज्यपाल की अंतरिम आदेश की अपील पर सुनवाई करेगी अदालत
कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आदेश की खातिर दाखिल किए गए राज्यपाल के आवेदन पर सोमवार को सुनवाई करेगा.
कोलकाता, 10 जुलाई : कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आदेश की खातिर दाखिल किए गए राज्यपाल के आवेदन पर सोमवार को सुनवाई करेगा. राज्यपाल ने बनर्जी के खिलाफ 28 जून को मानहानि का मामला दायर किया था. इससे एक दिन पहले बनर्जी ने दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे राजभवन जाने में डर लगने की शिकायत की थी.
न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने इस मामले में सोमवार को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति राव ने बोस के वकील को यह भी निर्देश दिया कि वह प्रतिवादियों को आवेदन की प्रतियां उपलब्ध करवाएं. राज्य सचिवालय में 27 जून को एक प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा था, ‘‘महिलाओं ने मुझे बताया है कि वह हालिया कथित घटनाओं की खबरें सुनने के बाद राजभवन जाने से डरती हैं.’’ यह भी पढ़ें : तमिलनाडु की विक्रवांडी विधानसभा सीट पर उपचुनाव; अपराह्न एक बजे तक 50.95 प्रतिशत मतदान
उनकी टिप्पणी पर राज्यपाल ने कहा था कि जन प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ‘‘गलत और निंदनीय धारणाएं’’ न बनाएं. दो मई को राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के विरुद्ध उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती.