अदालत ने के. कविता के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने को लेकर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली की एक अदालत आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने को लेकर 31 मई को अपना फैसला सुना सकती है.

K. Kavita (IMG: Twitter)

नयी दिल्ली, 21 मई : दिल्ली की एक अदालत आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने को लेकर 31 मई को अपना फैसला सुना सकती है. ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने ईडी के इस दावे पर संज्ञान लेने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि उसके पास कविता पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत है.

ईडी ने यह भी कहा कि उसके पास मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत है. अदालत ने केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ दाखिल पूरक आरोपपत्र पर विचार करने के लिए 28 मई की तारीख तय की है. केजरीवाल उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एक जून तक अंतरिम जमानत पर हैं. न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने की अनुमति दे दी है. उसने उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करने और वापस जेल जाने का निर्देश दिया है. यह भी पढ़ें : कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पैतृक जिले में दूषित पानी पीने से युवक की मौत, 48 बीमार

यह मामला दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से जुड़ा है. उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है. इसके बाद ईडी ने कथित भ्रष्टाचार को लेकर 17 अगस्त 2022 को दर्ज की गयी सीबीआई की प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त 2022 को धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था.

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