देश की खबरें | न्यायालय ने धर्मांतरण पर मप्र के अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने दूसरे धर्म में शादी करने के चलते होने वाले धर्मांतरण का नियमन करने संबंधी मध्य प्रदेश के विवादास्पद अध्यादेश की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
नयी दिल्ली, 19 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने दूसरे धर्म में शादी करने के चलते होने वाले धर्मांतरण का नियमन करने संबंधी मध्य प्रदेश के विवादास्पद अध्यादेश की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल ठाकरे को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा।
पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायामूर्ति वी रामासुब्रमणियन भी शामिल हैं।
न्यायालय ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख करें। हम (इस विषय पर) उच्च न्यायालय का विचार जानना चाहेंगे। हमने इस तरह के विषयों को उच्च न्यायालय के पास भेजा है।’’
याचिका में कहा गया है कि ‘लव जिहाद’ को रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में लाए गये एक अध्यादेश की तर्ज पर ही मध्य प्रदेश में भी कानून बनाया गया है, जो किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार और पसंद की आजादी का उल्लंघन करता है, जिससे संविधान के अनुच्छेद 14,19 (1)(ए) और 21 का हनन होता है।
शीर्ष न्यायालय ने इससे पहले भी इस मुद्दे पर कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ और उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम,2018 को भी न्यायालय में चुनौती दी गई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)