देश की खबरें | न्यायालय ने राज्यों को तेज गति वाले वाहनों की निगरानी के लिए प्रावधान लागू करने का निर्देश दिया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए लागू करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया, जो प्राधिकारों को तेज गति से चलाये जाने वाले वाहनों की ‘‘इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निगरानी’’ करने की अनुमति देता है।
नयी दिल्ली, दो सितंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए लागू करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया, जो प्राधिकारों को तेज गति से चलाये जाने वाले वाहनों की ‘‘इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निगरानी’’ करने की अनुमति देता है।
न्यायालय के इस निर्देश का उद्देश्य राजमार्गों और सड़कों पर वाहन चलाये जाने के दौरान, अनुशासन सुनिश्चित करना है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए और नियम 167ए के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों से शीर्ष अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के बारे में निर्णय लेने के बाद यह सुनिश्चित करें कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर जुर्माना इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा ली गई फुटेज के आधार पर लगाया जाए।
नियम 167ए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (स्पीड कैमरा, सीसीटीवी, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान आदि) लगाने के लिए विस्तृत प्रावधान निर्दिष्ट करता है।
नियम के तहत, राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर उच्च जोखिम और अधिक वाहनों वाली सड़कों तथा कम से कम 10 लाख से अधिक आबादी वाले प्रमुख शहरों में महत्वपूर्ण स्थानों पर उक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाएं। इसमें नियमों में उल्लेखित 132 शहर भी शामिल किये जाएं।
पीठ ने निर्देश दिया, ‘‘हम दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वे इस न्यायालय को नियम 167ए के साथ धारा 136ए के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट सौंपे। रिपोर्ट 6 दिसंबर तक न्यायमित्र को सौंपी जानी चाहिए।’’
शीर्ष अदालत देश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2012 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत 11 दिसंबर को रिपोर्ट पर विचार करेगी और अन्य राज्य सरकारों को भी इसके लिए निर्देश जारी करेगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)