देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना मंगलवार सुबह शुरू होगी। इस चुनाव के नतीजों से 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा।

जम्मू/श्रीनगर, सात अक्टूबर जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना मंगलवार सुबह शुरू होगी। इस चुनाव के नतीजों से 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा।

इस विधानसभा चुनाव में मुकाबले में मुख्य रूप से कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हैं। यह चुनाव पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के पांच साल बाद हो रहा है।

पार्टियों द्वारा अपनी-अपनी संभावनाओं का आकलन करने के बीच, प्रशासन सोमवार को सभी 20 जिला मुख्यालयों में निर्धारित केंद्रों पर सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में व्यस्त रहा।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, सभी मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ ठीक रहे। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के सभी केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वे पहरा दे रहे हैं।

वर्ष 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए। कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से पहले चरण में 24, दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ।

केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में उतरे 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला मंगलवार शाम तक होने की संभावना है। इस बार मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है।

चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बडगाम और गंदेरबल, दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन (हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा (बटमालू) और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना (नौशेरा सीट) शामिल हैं।

अन्य उम्मीदवारों में कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर (डूरू), पीडीपी नेता वहीद पारा (पुलवामा), इल्तिजा मुफ्ती (बिजबेहरा), ‘जम्मू एंड कश्मीर-अपनी पार्टी’ के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (चनापुरा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (कुलगाम) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग तथा तारा चंद शामिल हैं।

शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है तथा क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।

भाजपा के 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है, वहीं 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है।

यदि एग्जिट पोल पर विश्वास किया जाए तो पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी, गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी और लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी सहित नयी और उभरती पार्टियों के जीतने की संभावना ज्यादा नहीं है। इन पार्टियों और निर्दलीयों को मिलाकर करीब 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।

नतीजों से एक दिन पहले ही राजनीति गरमा गई है। क्या जरूरत पड़ने पर कांग्रेस-नेकां, पीडीपी की मदद लेगी, इस सवाल पर नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी का समर्थन लेने पर विचार को लेकर तैयार है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच आरक्षित सीटों पर सदस्यों को नामित करने का अधिकार उपराज्यपाल को देने के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यदि भाजपा नीत केंद्र सरकार इस पर आगे बढ़ती है तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

अब्दुल्ला ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए ताकि नयी सरकार के पास लोगों की समस्याओं का समाधान करने की शक्ति हो।

भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी 35 सीटें हासिल करके क्षेत्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और समान विचारधारा वाले तथा निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से सरकार बनाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों का मनोनयन पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार किया जा रहा है। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उपराज्यपाल को विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार देना चुनावों में ‘‘परिणाम पूर्व धांधली’’ है।

इल्तिजा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सभी पांच विधायक भाजपा के सदस्य हैं या पार्टी से जुड़े हैं। नतीजों से पहले की गई बेशर्मी भरी धांधली और शर्मनाक हेरफेर।’’

बारामूला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल चाहे किसी को भी बहुमत मिले, ‘इंडिया’ गठबंधन, पीडीपी और अन्य क्षेत्रीय दलों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि उन्हें राज्य के दर्जे के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्हें तब तक सरकार नहीं बनानी चाहिए जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता।’’

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पांडुरंग के पोल ने रविवार को गांदेरबल डिग्री कॉलेज में मतगणना केंद्र का दौरा किया तथा पारदर्शिता और प्रोटोकॉल के पालन के साथ निर्बाध मतगणना का आश्वासन दिया।

सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यक उपाय निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती से लागू किए जाएं। केवल चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के अधिकृत मतगणना एजेंट और मतगणना ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को ही मतगणना हॉल के अंदर जाने की अनुमति होगी।

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