नयी दिल्ली, 10 अप्रैल खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक लाख से अधिक अधिकारियों और श्रमिकों को सरकार 35 लाख रुपये तक का जीवन बीमा कवर उपलब्ध करायेगी।
यह बीमा 24 मार्च के बाद से लागू लॉकडाउन (बंद) के दौरान ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को उपलब्ध होगा। लॉकडाउन लागू होने के बाद से छह माह के भीतर इनमें से किसी भी कर्मचारी या श्रमिक की ड्यूटी करते हुये कोरोना वायरस बीमारी से यदि मौत हो जाती है तो उन्हें 35 लाख रुपये जीवन बीमा कवर उपलब्ध होगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्नों की खरीद करने वाली शीर्ष केन्द्रीय एजेंसी है। यह किसानों से सीधे खाद्यान्न की खरीद करती है और 81 करोड़ से अधिक राशन कार्डधारकों को सब्सिडी दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती है।
वर्तमान में आतंकवादी हमले, बम विस्फोट, भीड़ हिंसा या प्राकृतिक आपदा के दौरान एफसीआई अधिकारियों की मौत होने पर उनके परिजनों को मुआवजा देने का प्रावधान है। हालांकि, इसमें नियमित और संविदा पर रखे गए श्रमिक शामिल नहीं हैं।
पासवान ने एक बयान में कहा, ‘‘ कोरोना वायरस संकट के बीच एक लाख से अधिक एफसीआई अधिकारियों को जीवन बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है। इसमें करीब 80,000 श्रमिक भी शामिल हैं।’’
पासवान ने कहा कि यह जीवन बीमा सुरक्षा नियमित श्रमिकों के लिए 15 लाख रुपये, संविदा श्रमिकों के लिए 10 लाख रुपये और एफसीआई अधिकारियों के लिए 25-35 लाख रुपये होगी।
अधिकारियों में पहली श्रेणी के लोगों को 35 लाख रुपये तक, दूसरी श्रेणी के लोगों को 30 लाख रुपये तक और तीसरी -चौथी श्रेणी के कर्मचारियों को 25-35 लाख रुपये तक का बीमा कवर प्रति व्यक्ति मिलेगा।
पासवान ने कहा कि सरकार कोरोना से निपटने में लगे लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। देश में सार्वजनिक लॉकडाउन फिलहाल 14 अप्रैल तक लागू है।
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