
मुंबई, 18 मार्च मुगल : बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी विवाद के बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना(उबाठा) के विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब पर परोक्ष रूप से मंगलवार को तंज कसा, जिसके बाद राज्य विधानपरिषद में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. नागपुर में एक दिन पहले हुई हिंसा के संबंध में विधानपरिषद में, शिंदे ने मुगल बादशाह औरंगजेब के कथित महिमामंडन पर सवाल उठाया, जिनकी कब्र को दक्षिणपंथी संगठन हटाने की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़क उठी, जब यह अफवाह फैली थी कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जला दिया गया. उपमुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है.’’
उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह ने मराठा शासक छत्रपति संभाजीराजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया. शिंदे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शासन की तुलना औरंगजेब के शासन से किये जाने की आलोचना की. उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘क्या फडणवीस ने कभी किसी को उस तरह प्रताड़ित किया है, जिस तरह औरंगजेब ने अपने दुश्मनों को किया था?’’ इसके बाद, उन्होंने परब की ओर मुड़कर पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रताड़ित किया है? इस टिप्पणी से नाराज, परब अपनी सीट पर खड़े हो गए और आसन से जवाब देने की अनुमति मांगी. हालांकि, विधानपरिषद के सभापति राम शिंदे ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी और उनका माइक्रोफोन बंद रखा गया. यह भी पढ़ें : Thane Shocker: ठाणे में कुत्ते के काटने पर विवाद, युवक ने क्रिकेट बैट से पड़ोसी पर किया हमला; आरोपी से पूछताछ जारी
इसके बावजूद परब ने, नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, सचिन परब और अन्य विधायकों के साथ विरोध में खड़े होकर शिंदे के बयान का जवाब देने की अनुमति मांगी, लेकिन उनमें से किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दी गई. इस बीच, शिंदे ने अपना संबोधन जारी रखते हुए कहा, ‘‘अनिल परब को यह नहीं भूलना चाहिए कि मैंने जो कुछ भी किया, खुलेआम किया और मैंने यह शिवसेना को औरंगजेब (कांग्रेस) से सहानुभूति रखने वालों से बचाने के लिए किया. यह कांग्रेस ही थी जिसने औरंगजेब की कब्र को सुरक्षा प्रदान की थी.’’ परब के इस आरोप का जिक्र करते हुए कि शिंदे ने केंद्रीय एजेंसियों के डर से महा विकास आघाडी (एमवीए) छोड़ कर भाजपा से गठजोड़ किया था, उपमुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि अमेरिका ने भी ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद यह सुनिश्चित किया था कि उसे जमीन पर न दफनाया जाए. उसने किसी भी तरह के महिमामंडन को रोकने के लिए ही उसे समुद्र में दफन किया था.’’