विश्व शक्तियों के साथ इस्लामिक गणराज्य के परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न तनाव के बीच यह निर्माण शुरू हुआ है।
यह घोषणा ऐसे वक्त आई है जब पुलिस की हिरासत में एक युवती की मौत के बाद देश भर में शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों से ईरान हिल गया है।
देश की सरकारी टेलीविजन और रेडियो एजेंसी ने बताया कि ‘करून’ नाम के 300 मेगावाट के नए संयंत्र को बनने में आठ साल लगेंगे और इस पर करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी। इसने कहा कि यह संयंत्र ईरान के तेल समृद्ध खुजेस्तान प्रांत में इराक के साथ लगती इसकी पश्चिमी सीमा के पास स्थित होगा।
संयंत्र के शिलान्यास समारोह में ईरान के असैन्य परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने भाग लिया, जिन्होंने पहली बार अप्रैल में ‘करून’ के लिए निर्माण योजनाओं की शुरुआत की थी।
ईरान के बुशहर के दक्षिणी बंदरगाह पर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है तथा कई भूमिगत परमाणु केंद्र भी हैं।
‘करून’ के निर्माण की घोषणा ऐसे वक्त आई है जब ईरान ने दो सप्ताह से भी कम समय पहले कहा था कि उसने देश के भूमिगत फोर्डो परमाणु केंद्र में 60 प्रतिशत शुद्धता पर समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन शुरू कर दिया है। इस कदम को देश के परमाणु कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है।
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