नयी दिल्ली, सात सितंबर कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शनिवार को सराहना करते हुए कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यह यात्रा पार्टी के लिए एक ''बड़ी बूस्टर खुराक'' साबित हुई और यह एक ऐतिहासिक जन आंदोलन था, जो समाज को एकजुट करने का जरिया बन गया।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की दूसरी वर्षगांठ पर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय स्वाभाविक रूप से प्रेम करने वाले लोग हैं और ‘‘हमारा यह मकसद है कि देश के हर कोने में प्रेम की आवाज सुनाई दे’’।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए लोगों ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलकर जो दूरी तय की, उससे करोड़ों लोगों के दिलों में प्रेम, आपसी सद्भाव और भाईचारे की अभूतपूर्व जनचेतना जागृत हुई।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत जोड़ो यात्रा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मैं देशवासियों से केवल इतनी ही अपील करता हूं कि (वे) संविधान और लोकतंत्र को संजोए रखने का संघर्ष जारी रखें।”
उन्होंने कहा, “आर्थिक असमानताओं, महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक अन्याय, संविधान को तोड़ने-मरोड़ने तथा सत्ता के केंद्रीकरण के वास्तविक मुद्दों पर हमारा संघर्ष जारी है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के हमारे संवैधानिक मूल्यों को सुरक्षित रखने का संकल्प और मजबूत होना चाहिए।”
खरगे ने कहा, “नफरत और विभाजन के एजेंडे को हम कामयाब नहीं होने देंगे। मोहब्बत और इंसानियत की जीत निश्चित है। कांग्रेस पार्टी थमेगी नहीं, रुकेगी नहीं। भारत माता की आवाज, हमारी आवाज है।”
राहुल गांधी ने यात्रा की एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, “...‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने मुझे मौन की सुघड़ता से रू-ब-रू कराया। मैंने उत्साही भीड़ और नारों के बीच अपने साथ मौजूद व्यक्ति पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना और उसकी बात सुनना सीखा।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, "उन 145 दिन में और उसके बाद के दो वर्ष में, मैंने विभिन्न पृष्ठभूमि के हजारों भारतीयों की बातें सुनीं। प्रत्येक व्यक्ति से ज्ञान हासिल किया, हर किसी ने मुझे कुछ नया सिखाया और सभी हमारी प्यारी भारत माता से जुड़े थे।’’
उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय स्वाभाविक रूप से प्रेम करने वाले लोग हैं।
उन्होंने लिखा, ‘‘जब मैंने यह यात्रा शुरू की थी तो कहा था कि प्रेम, नफरत पर विजय प्राप्त करेगा और आशा, भय पर जीत हासिल करेगी, आज हमारा मकसद केवल यह सुनिश्चित करना है कि भारत माता की आवाज, प्रेम की आवाज हमारे प्यारे देश के हर कोने में सुनाई दे।’’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पार्टी के लिए एक ‘बड़ी बूस्टर खुराक’ थी और इसने देश की राजनीति में बदलाव की शुरुआत की।
रमेश ने कहा, ‘‘कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत के आज दो साल पूरे हो गए। राहुल गांधी के नेतृत्व में 200 से अधिक ‘भारत जोड़ो यात्रियों’ ने 145 दिनों की अवधि में 12 राज्यों और दो केंद्र-शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 4,000 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी की, जिनमें अधिकांश पैदल यात्री शामिल थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा से अभूतपूर्व संपर्क और सामूहिकता की भावना पैदा हुई और यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए एक ‘बड़ी बूस्टर खुराक’ थी। इसने हमारे देश की राजनीति में भी बदलाव की शुरुआत की।’’
रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता ने जनवरी-मार्च 2024 के दौरान मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए प्रोत्साहित किया।
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आइए हम न्याय और उज्ज्वल भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं, जहां हर व्यक्ति मायने रखता है और हर आवाज मायने रखती है।”
राहुल ने सात सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। उन्होंने 30 जनवरी 2023 को श्रीनगर में 145 दिन लंबी इस यात्रा का समापन किया था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यात्रा के दौरान 12 सार्वजनिक बैठकों, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं और 13 प्रेस वार्ताओं को संबोधित किया। चार हजार किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान वह समर्थकों से लेकर विरोधियों तक का ध्यान खींचने में कामयाब रहे थे।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ में अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कमल हासन, पूजा भट्ट, रिया सेन, स्वरा भास्कर, रश्मि देसाई, आकांक्षा पुरी और अमोल पालेकर जैसे फिल्म एवं टीवी कलाकार शामिल थे।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने भी इस यात्रा में हिस्सा लिया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के आदित्य ठाकरे, प्रियंका चतुर्वेदी व संजय राउत तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की सुप्रिया सुले जैसे विपक्षी नेता भी अलग-अलग पड़ाव पर इस यात्रा से जुड़े थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)