कांग्रेस विधायक ने आरएलपी को बताया भाजपा की ‘‘बी टीम’’
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा ने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन करने के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के फैसले की आलोचना करते हुए उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘बी टीम’’ बताया है.
जयपुर, 7 जून : राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा ने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन करने के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के फैसले की आलोचना करते हुए उसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘बी टीम’’ बताया है. ओसियां से कांग्रेस की विधायक मदेरणा ने सोमवार रात ट्वीट किया, ‘‘ आरएलपी, भाजपा की बी टीम है. उसका यह किसान विरोधी निर्णय है.’’ इससे पहले, आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सोमवार रात ट्वीट किया था, ‘‘आरएलपी के तीनों विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा तथा कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे और लोकतंत्र की गरिमा का सम्मान करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के समर्थन में मतदान करेंगे.’’
मदेरणा ने इस पर कटाक्ष करते हुए लिखा, ‘‘ कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों में से एक रणदीप सुरजेवाला किसान वर्ग से हैं. वह (बेनीवाल) किसान हितैषी होते तो उनके पक्ष में मतदान का निर्णय करते.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ (बेनीवाल ने) किसान आंदोलन के बहाने भाजपा से गठबंधन तोड़ा. अब भाजपा के उतारे हुए उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को वोट देंगे.’’ उल्लेखनीय है कि आरएलपी केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन बेनीवाल ने दिसंबर 2020 में कृषि विधेयक का विरोध करते हुए गठबंधन छोड़ दिया था. यह भी पढ़ें : कन्नौज में पिता ने नाबालिग पुत्री के साथ बलात्कार किया, हिरासत में लिया गया
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने भी आरएलपी के इस फैसले पर सवाल उठाते ट्वीट किया, ‘‘ आज के बाद राजस्थान की जनता बेनीवाल से सवाल करेगी कि जब भाजपा से ही पहले प्रत्यक्ष रूप से और फिर अप्रत्यक्ष रूप से गठबंधन करना था, तो तीसरे विकल्प के सपने क्यों दिखाये?’’
गौरतलब है कि राजस्थान से राज्यसभा की चार सीट के लिए 10 जून को चुनाव होना है. कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को उतारा है, जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने भी मीडिया कारोबारी एवं निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है. संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीट और भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट जीत सकती है.