हिमाचल में पूर्ववर्ती सरकार के खोले कार्यालयों को गैर अधिसूचित करने पर कांग्रेस, भाजपा आमने-सामने

हिमाचल प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार द्वारा ‘‘बिना किसी बजटीय प्रावधान और पर्याप्त बुनियादी ढांचे के खोले गए’’ संस्थानों और कार्यालयों को गैर अधिसूचित करने के राज्य की नवनिर्वाचित सरकार के फैसले के बाद सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.

कांग्रेस और बीजेपी (Photo Credits: File Facebook)

शिमला, 23 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार द्वारा ‘‘बिना किसी बजटीय प्रावधान और पर्याप्त बुनियादी ढांचे के खोले गए’’ संस्थानों और कार्यालयों को गैर अधिसूचित करने के राज्य की नवनिर्वाचित सरकार के फैसले के बाद सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. ‘‘बिना किसी बजटीय प्रावधान और पर्याप्त कर्मचारियों एवं बुनियादी ढांचे के खोले गए सभी गैर-कार्यात्मक कार्यालयों और संस्थानों’’ को बंद करने की नयी सरकार की घोषणा के तुरंत बाद, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस कदम को ‘‘तुगलकी फरमान’’ बताया और इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" और अनुचित" करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल जैसे राज्य में स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थान लोगों के घर के सबसे करीब होने चाहिए, लेकिन कांग्रेस सरकार को लोगों को बेहतर सेवाएं पसंद नहीं हैं." उन्होंने सरकार को राजनीतिक प्रतिशोध के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के जनविरोधी कदमों को स्वीकार नहीं करेगी और विरोध करने के लिए सड़कों पर आएगी और जरूरत पड़ने पर अदालत भी जाएगी. यह भी पढ़ें : Mumbai Shocker: पिता कमरे में बुलाकर नाबालिग बेटी का करता था यौन शोषण, मां ने किया खुलासा

ठाकुर पर पलटवार करते हुए, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, नीरज नैयर और चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा नेता पिछली भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंत में बिना किसी बजटीय प्रावधान के खोले गए कुछ संस्थानों को बंद करने के राज्य सरकार के फैसले पर अनावश्यक हो-हल्ला मचा रहे हैं. कांग्रेस विधायकों ने एक संयुक्त बयान में कहा, "ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं ने हाल के विधानसभा चुनावों में करारी हार को स्वीकार नहीं किया है.’’

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