देश की खबरें | कोचिंग संस्थान घटना: बेसमेंट के सह-मालिकों ने जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया
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नयी दिल्ली, 28 अगस्त राष्ट्रीय राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग संस्थान ‘राऊज आईएएस स्टडी सर्कल’ के बेसमेंट के चार सह-मालिकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में जमानत का अनुरोध किया है।
जुलाई में, बेसमेंट में बारिश का पानी भर जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा के तीन अभ्यर्थियों की डूबने से मौत हो गई थी।
जेल में बंद चारों सह-मालिकों ने अनुरोध किया है कि वे केवल बेसमेंट के मालिक हैं। उन्होंने दलील दी है कि बेसमेंट को कोचिंग संस्थान को किराये पर दिया गया था और इसलिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
इस मामले में इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।
सिविल सेवा परीक्षा के तीन अभ्यर्थियों -- उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन (24) की 27 जुलाई की शाम मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में भारी बारिश के कारण कोचिंग संस्थान के इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने के चलते डूबने से मौत हो गई थी।
एक सत्र अदालत ने पूर्व में बेसमेंट के सह-मालिकों -- परविंदर सिंह, तेजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि सीबीआई की जांच प्रारंभिक चरण में है तथा उनकी विशिष्ट भूमिकाएं तय की जानी बाकी हैं।
मामले की जांच, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत की जा रही है। मामले को उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में बेसमेंट के सह-मालिकों में से एक ने कहा कि निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए यह विचार नहीं किया कि उन्होंने कोचिंग संस्थान संचालित करने के लिए इमारत के बेसमेंट और तीसरी मंजिल को पट्टे पर दिया था।
उन्होंने दलील दी है कि इस गतिविधि को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मानदंडों के तहत अनुमति प्राप्त है और इस तरह का अपराध करने का उनका कभी इरादा नहीं था तथा न ही उन्हें इसकी कोई जानकारी थी।
याचिका में कहा गया है कि आवेदक केवल मकान मालिक हैं और किरायेदारों के प्रबंधन या दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कोई भूमिका नहीं निभाते हैं। याचिकाकर्ताओं ने नौ साल के लिए कोचिंग संस्थान को यह संपत्ति पांच जनवरी 2022 को पट्टे के जरिये किराये पर दी थी।
इसमें कहा गया है कि यह संपत्ति अभिषेक कुमार गुप्ता को कोचिंग संस्थान संचालित करने के लिए दिनांक 05.01.2022 को पट्टे पर दी गई थी।
अधीनस्थ अदालत ने 23 अगस्त को सह-आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और कहा था कि गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि घटना अपराधी की जानकारी में रहा हो।
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