नयी दिल्ली, 17 सितंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर में महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित किए जाने के फैसले को लेकर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या भाजपा उन शर्तों का ‘अनादर’ किए जाने के बारे में स्पष्टीकरण देगी, जिनके आधार पर महाराजा ने अपने सूबे का विलय किया था।
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा ने महाराज हरि सिंह की खूबियां ढूंढ लीं और उनकी जयंती पर अवकाश घोषित कर दिया। हरि सिंह का उनके पूरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण काम यह था कि उन्होंने भारत के साथ विलय के करार पर कुछ शर्तों के साथ हस्ताक्षर किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा हरि सिंह को सम्मान देने के फैसले और विलय की शर्तों का अनादर करने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देगी।’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘महाराजा के तौर पर हरि सिंह के पास यह अधिकार था कि अपने लोगों के लिए बोलें और उनका भविष्य तय करें। महाराजा की गैरमौजूदगी में जनप्रतिनिधि जनता का भविष्य तय कर सकते हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि पांच अगस्त, 2019 का फैसला (संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने) जनता या निर्वाचित विधायिका अथवा उचित संवैधानिक सरकार का फैसला नहीं था।
भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह की जयंती पर केंद्र शासित प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की पार्टी की मांग को मान लिया है।
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