जरुरी जानकारी | पूर्वोत्तर क्षेत्र में 15 गीगावाट पनबिजली परियोजनाओं के लिए 4,136 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा केंद्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्वोत्तर राज्यों को अगले आठ साल में कुल 15,000 मेगावाट (15 गीगावाट) क्षमता की पनबिजली परियोजनाएं विकसित करने के लिए 4,136 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता को मंजूरी दे दी।
नयी दिल्ली, 28 अगस्त केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्वोत्तर राज्यों को अगले आठ साल में कुल 15,000 मेगावाट (15 गीगावाट) क्षमता की पनबिजली परियोजनाएं विकसित करने के लिए 4,136 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता को मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बिजली मंत्रालय के पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन राज्यों को यह सहायता राज्य सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बीच संयुक्त उद्यम के जरिये पनबिजली परियोजनाओं के विकास में उनकी इक्विटी भागीदारी के लिए दी जाएगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का परिव्यय 4,136 करोड़ रुपये है और इसे 2024-25 से 2031-32 तक क्रियान्वित किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत कुल 15,000 मेगावाट की पनबिजली क्षमता के लिए समर्थन दिया जाएगा।
इस योजना को बिजली मंत्रालय के कुल परिव्यय से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10 प्रतिशत सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र की सरकारों के इक्विटी हिस्से के लिए अनुदान कुल परियोजना इक्विटी के 24 प्रतिशत तक सीमित होगा। यह प्रति परियोजना अधिकतम 750 करोड़ रुपये होगा।
यदि जरूरत हुई तो प्रत्येक परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपये की सीमा पर अलग-अलग मामलों के आधार पर पुनर्विचार किया जाएगा।
संयुक्त उद्यम में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और राज्य सरकार का इक्विटी अनुपात अनुदान वितरण के समय बनाए रखा जाएगा।
केंद्रीय वित्तीय सहायता केवल व्यावहारिक पनबिजली परियोजनाओं तक ही सीमित होगी।
बयान में कहा गया है कि इस योजना के साथ पनबिजली विकास में राज्य सरकारों की भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा और जोखिम तथा जिम्मेदारियों को समानता के आधार पर साझा किया जाएगा।
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