देश की खबरें | सेंट्रल विस्टा: यमुना तट पर असाधारण संरचना के डिजाइन के लिए प्रतियोगिता की घोषणा
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नयी दिल्ली, 12 नवम्बर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने सरकार के सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में पुराने किले के पास यमुना नदी के तट पर प्रस्तावित ‘नव भारत उद्यान’ में एक ‘असाधारण संरचना’ के लिए एक डिजाइन प्रतियोगिता की बृहस्पतिवार को घोषणा की।
सीपीडब्ल्यूडी के अनुसार पुनर्विकास परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक मौजूदा 2.9 किलोमीटर लंबे सेंट्रल विस्टा एक्सिस को प्रस्तावित उद्यान तक बढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सेंट्रल विस्टा को प्रस्तावित बगीचे से जोड़ने का मार्ग 20.22 एकड़ भूमि में फैला होगा और यह योजना का हिस्सा हो सकता है।
सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए परियोजना में एक नया त्रिकोणीय संसद भवन, एक साझा केंद्रीय सचिवालय और एक नये राजपथ की परिकल्पना की गई है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नवभारत उद्यान में ‘असाधारण संरचना’ का निर्माण भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में होगा। यह एक टॉवर या प्रतिमा हो सकती है जिसकी ऊंचाई अधिकतम 134 मीटर होगी।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस ‘असाधारण संरचना से आत्मानिर्भर भारत की दृष्टि का एहसास होना चाहिए, जो एक ऐसे नये भारत को दर्शाये जो समान विकास के अवसर वाला है, जिसमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मूल्य निहित हों और जो गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, सांप्रदायिकता और जातिवाद से मुक्त स्वच्छ भारत की आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करे।’’
बयान के अनुसार, सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान में सेंट्रल विस्टा का एक विश्व स्तरीय सार्वजनिक स्थान के रूप में पुनर्विकास करने की परिकल्पना की गई है। इसमें वास्तुशिल्प की भव्यता के साथ ही प्रशासन के कुशल कामकाज के लिए आधुनिक सुविधाएं हों तथा जो सांस्कृतिक संस्थानों को मजबूत करे और भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में हो।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि ‘नव भारत उद्यान' जनता के लिए खुला होगा और इसे एक ‘असाधारण संरचना’ और इन्फोटेनमेंट सुविधाओं के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि उद्यान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करने के साथ ही विविधता में एकता और नये भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक होगा।
सीपीडब्ल्यूडी ने डिजाइन की आवश्यकताओं के बारे में कहा, ‘‘संरचना की डिजाइन ‘असाधारण’ होनी चाहिए और यह राष्ट्रीय राजधानी का प्रतिनिधित्व करे। उदाहरण के लिए, 20वीं शताब्दी की शुरुआत में सेंट्रल विस्टा में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया ‘इंडिया गेट’ दिल्ली को प्रमुखता से दर्शाता है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘संरचना का निर्माण इस तरह से होना चाहिए कि यह कुतुब मीनार में लोहे के स्तंभ की तरह लंबे समय तक बना रहे। इसमें सरकार के ‘आत्मानिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।’’
यह परियोजना 15 अगस्त 2022 तक पूरी होने की उम्मीद है।
भारतीय नागरिक और संगठन प्रतियोगिता के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिसमें पांच लाख रुपये की विजेता राशि होगी। प्रविष्टियों के लिए अंतिम समय सीमा 11 दिसंबर होगी और सीपीडब्ल्यूडी दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विजेता की घोषणा करेगा।
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