‘कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का केन्द्र का निर्देश उद्योगों को दिवालियापन की ओर धकेलेगा’

उन्होंने केन्द्र से अनुरोध किया कि इस मुश्किल वक्त में उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपूरणीय क्षति पहुंचाए बगैर वह कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए नवोन्मेषी तरीके तलाशें।

जमात

चंडीगढ़, 14 अप्रैल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को दिए गए निर्देशों पर पुन:विचार करें क्योंकि यह उन्हें दिवालियापन की ओर धकेल सकता है।

उन्होंने केन्द्र से अनुरोध किया कि इस मुश्किल वक्त में उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपूरणीय क्षति पहुंचाए बगैर वह कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए नवोन्मेषी तरीके तलाशें।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में सिंह ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है, इससे जुड़े आदेश में कहा गया है, ‘‘....सभी नियोक्ता, फिर चाहे वह उद्योग हों या फिर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान, लॉकडाउन के अवधि मे अपना प्रतिष्ठान बंद करने के दौरान अपने सभी कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के तय तिथि पर वेतन का भुगतान करें।’’

उन्होंने लिखा है कि आदेश के इस हिस्से पर पुन:विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि ‘‘इसका उद्योगों, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर वित्तीय कुप्रभाव होगा और वह दिवालियापन की ओर से जा सकते हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान इनमें से ज्यादातर उद्योगों की आय बिल्कुल बंद हो गयी है।’’

सिंह का कहना है कि केन्द्र सरकार उद्योगों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों कह वित्तीय स्थिति को ज्यादा नुकसान पहुंचाए बगैर कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए कुछ नए/नवोन्मेषी तरीके खोजे।

यह रेखांकित करते हुए कि पंजाब सरकार ने इस सबंध में केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को भी पत्र लिखा है, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वह मंत्रालय को इस संबंध मे जल्दी कार्रवाई करने की सलाह दें।

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