देश की खबरें | बीपीएससी परीक्षा: कथित अनियमितताओं एवं पुलिस कार्रवाई संबंधी याचिका पर सुनवाई से न्यायालय का इनकार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई से संबंधित याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
नयी दिल्ली, सात जनवरी उच्चतम न्यायालय ने 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई से संबंधित याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायतों के साथ पटना उच्च न्यायालय का रुख करें।
याचिकाकर्ता ‘आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने पीठ से याचिका पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश ने उन शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बिहार पुलिस की बर्बर कार्रवाई देखी है, जिन्होंने बीपीएससी की विवादास्पद परीक्षा रद्द करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘‘हम आपसे पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कह रहे हैं।’’ हालांकि, अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यह पेपर लीक एक दैनिक मामला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपकी भावनाओं को समझते हैं... लेकिन हम शुरुआती अदालत नहीं हो सकते हैं और हमें लगता है कि यह (न्यायिक प्रक्रिया की दृष्टि से) उचित और त्वरित सुनवाई की दृष्टि से भी उपयुक्त होगा कि याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं।’’
अधिवक्ता ने पीठ को बताया कि जिस स्थान पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था, वह पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास के पास ही था और इस पर स्वत: संज्ञान लिया जा सकता था।
बिहार पुलिस ने 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाले सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को नियंत्रित करने के लिए कथित तौर पर बल प्रयोग किया।
राज्य लोक सेवा आयोग ने कुछ उम्मीदवारों के लिए पटना में 22 केंद्रों पर चार जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है। पुनर्परीक्षा के लिए पात्र 12,012 उम्मीदवारों में से कुल 8,111 ने अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड किया और 5,943 ही परीक्षा में शामिल हुए।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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