देश की खबरें | बंबई उच्च न्यायालय ने बुलढाणा में अस्पताल के बाहर मरीजों का इलाज किए जाने पर जवाब मांगा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किये जाने का संज्ञान लिया और सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

मुंबई, 23 फरवरी बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किये जाने का संज्ञान लिया और सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

सरकारी वकील पी.पी. काकड़े ने मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ को बताया कि अस्पताल की क्षमता केवल 30 बिस्तरों की है और लगभग 150 लोग बेचैनी और पेट की समस्याओं की शिकायत लेकर आए थे।

काकड़े ने कहा, “स्थानीय मंदिर से मिठाई खाने के बाद सभी व्यक्तियों की भोजन विषाक्तता से तबीयत खराब हो गई। अस्पताल की क्षमता केवल 30 मरीजों की है लेकिन इसमें पर्याप्त कर्मचारी और दवाएं हैं।

उन्होंने कहा कि मरीजों का तुरंत इलाज किया गया और अगले दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई।

काकड़े ने अदालत से कहा, “उनकी हालत गंभीर नहीं थी। हम उनका इलाज अस्पताल के अंदर नहीं कर सकते थे और इसलिए उनका उपचार बाहर किया गया।''

इस पर पीठ ने पूछा कि अगर किसी की हालत अचानक गंभीर हो जाती तो क्या होता।

न्यायाधीश ने पूछा, “जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां से जिला अस्पताल कितनी दूर है? यदि कोई मरीज गंभीर रूप से पीड़ित हो और उसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो तो क्या होगा?”

काकड़े ने कहा कि जिला अस्पताल 100 किलोमीटर दूर है और अगर किसी मरीज की हालत खराब होती तो उसे वहां स्थानांतरित कर दिया जाता।

पीठ ने काकड़े को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 10 दिन के लिए स्थगित कर दी।

बुलढाणा की जिला कलेक्टर किरण पाटिल ने पहले ‘पीटीआई-’ को बताया था कि यह घटना लोनार तालुका के सोमथाना गांव में एक सप्ताह तक चलने वाले धार्मिक आयोजन 'हरिनाम सप्ताह' के दौरान मंगलवार रात को हुई।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\