BJP सांसद कंगना रनौत के निर्वाचन को चुनौती दी गई, उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने किन्नौर के एक निवासी द्वारा दायर याचिका पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत को बुधवार को नोटिस जारी किया. याचिका में, मंडी से सांसद कंगना के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दलील दी गई है कि इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए याचिकाकर्ता के नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था.
शिमला, 24 जुलाई : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने किन्नौर के एक निवासी द्वारा दायर याचिका पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत को बुधवार को नोटिस जारी किया. याचिका में, मंडी से सांसद कंगना के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दलील दी गई है कि इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए याचिकाकर्ता के नामांकन पत्र को कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था. नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने रनौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
रनौत ने मंडी लोकसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. उन्हें सिंह के 4,62,267 मतों के मुकाबले 5,37,002 मत मिले थे. रनौत के निर्वाचन को रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कहा कि उनके नामांकन पत्र को निर्वाचन अधिकारी (उपायुक्त, मंडी) ने गलत तरीके से रद्द कर दिया और उन्हें भी पक्षकार बनाया गया है. वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी ने कहा कि उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्ति मिल गई और उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन पत्र के साथ विभाग से ‘‘बकाया नहीं प्रमाणपत्र’’ प्रस्तुत किया. यह भी पढ़ें : गंगोपाध्याय, बनर्जी की टिप्पणियों पर बिरला ने कहा: सदन की मर्यादा रखें, आसन को चुनौती नहीं दें
हालांकि, उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से ‘‘बकाया नहीं प्रमाण पत्र’’ प्रस्तुत करने के लिए एक दिन का समय दिया गया और जब उन्होंने उन्हें प्रस्तुत किया तो भी निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और नामांकन पत्र रद्द कर दिया. उन्होंने दलील दी कि अगर उनके कागजात स्वीकार किए गए होते तो वे चुनाव जीत सकते थे और कहा कि कंगना के निर्वाचन को रद्द कर दिया जाना चाहिए.