कोरोना संकट में भी ‘नफरत का वायरस’ फैलाने और बंटवारे की राजनीति में लगी है भाजपा: कांग्रेस
सोनिया की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पार्टी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि लॉकडाउन (बंद) के समय का उपयोग इस संकट से निपटने की कार्ययोजना एवं भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया जाए।
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा कोरोना संकट के समय भी ‘नफरत का वायरस’ फैलाने और सांप्रदायिक बंटवारे की राजनीति में लगी हुई है।
सोनिया की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद पार्टी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि लॉकडाउन (बंद) के समय का उपयोग इस संकट से निपटने की कार्ययोजना एवं भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए किया जाए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में पारित प्रस्ताव में गरीबों के खातों में 7500 रुपये भेजने, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार और रोकथाम, जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और लोगों को आजीविका का साधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
बैठक के दौरान अपने संबोधन में सोनिया ने आरोप लगाया कि जब देश में कोरोना वायरस के खिलाफ सभी को एकजुट होने की जरूरत है तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आप लोगों के साथ वो बात साझा करना चाहती हूं जिसको लेकर हम सभी भारतीय नागरिकों को चिंता करनी चाहिए। जब हमें कारोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करना चाहिए तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है।’’
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा, ‘‘हमारे सामाजिक सौहार्द को बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हमारी पार्टी और हमें इस नुकसान की भरपाई के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।’’
सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में भी दावा किया गया, ‘‘जब पूरा देश कोविड-19 से मिलकर लड़ाई लड़ रहा है, तब भी भाजपा सांप्रदायिक बंटवारे की आग लगाने का प्रयत्न कर रही है। एक संगठित देश के रूप में हमें उन ताकतों को पहचानना होगा, जो ऐसे संकट में भी देश का ध्रुवीकरण करने से बाज नहीं आ रहीं।’’
सीडब्ल्यूसी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथक-वास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है।’’
सोनिया ने कहा, ‘‘किसान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उपज की खरीद की कमजोर और अस्पष्ट नीतियों और बाधित आपूर्ति के मुद्दों का अविलंब समाधान करने की जरूरत है। खरीफ की फसल के लिए किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। बेरोजगारी आगे बढ़ सकती है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। ऐसे में हर परिवार को 7500 रुपये प्रदान करने की जरूरत है।’’
सोनिया ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी।’’
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और जरूरी सेवाएं मुहैया करा रहे लोगों तथा जरूरतमंदों की मदद कर रहे लोगों का अभिवादन किया जाना चाहिए।
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को रचनात्मक सहयोग देते रहने को प्रतिबद्ध है।
सीडब्ल्यूसी ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार को राज्यों को इस लड़ाई में सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता देनी चाहिए, जिसकी शुरुआत जीएसटी की बकाया संपूर्ण राशि राज्यों को लौटाकर तथा उन्हें ऋण लेने के लिए ज्यादा वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करके की जा सकती है।
उसने कहा, ‘‘ सीडब्ल्यूसी कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए सुझावों को एक बार पुनः दोहराती है कि केंद्र सरकार प्रत्येक गरीब परिवार के लिए तुरंत 7,500 रुपये एवं 10 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल या गेहूं) तथा 1 किलो दाल और चीनी प्रति व्यक्ति के हिसाब से दे, जिससे वो लॉकडाउन की अवधि में अपना गुजारा कर सकें।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों के फंसे प्रवासी कामगारों को राहत प्रदान करने की पैरवी करते हुए बैठक में कहा कि सरकार को इस काम को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए।
कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना संकट के मद्देनजर केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अगर मोदी सरकार राज्यों का सहयोग नहीं करती है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी।
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