अपनी दौलत बांटना चाहती हैं अरबपति मार्लीन इंगेलहोर्न
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

विरासत में बड़ी दौलत हासिल करने वाली ऑस्ट्रिया की 31 साल की मार्लीन इंगेलहोर्न अपने अरबों रुपये लोगों में बांटना चाहती हैं.ऑस्ट्रिया की मार्लीन इंगेलहोर्न ने 2.5 करोड़ यूरो यानी दो अरब रुपये से ज्यादा लोगों में बांटने का ऐलान किया है. वह चाहती हैं कि लोग उन्हें बताएं कि यह धन किसमें बांटा जाए ताकि वह "पारिवारिक अमीरी के कीचड़” से निकल सकें.

‘टैक्समीनाउ' नाम का अभियान शुरू करने वाली जर्मन-ऑस्ट्रियन इंगेलहोर्न कहती हैं, "मुझे विरासत में खूब धन मिला है और साथ ताकत भी मिली है. लेकिन इसके लिए मैंने कुछ भी नहीं किया है. और सरकार इस धन पर टैक्स भी नहीं चाहती.”

इंगेलहोर्न चाहती हैं कि सरकार अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाए ताकि धन का बराबर बंटवारा हो सके. अपनी इस इच्छा को उन्होंने अभियान बना लिया है. जनवरी में दावोस में जब वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम हुई थी और दुनिया के बहुत से धनी लोग महंगी टिकटें खरीदकर उस फोरम में शामिल हुए थे, तब इंगेलहोर्न ने फोरम के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.

और अमीर होते धनी

केमिकल बनाने वाली कंपनी बीएएसएफ के संस्थापक फ्रीडरिष इंगलहोर्न की वारिस मार्लीन उन चंद धनी लोगों में से हैं जो सरकारों से अमीरों पर टैक्स लगाने की मांग करते हैं. वे कहते हैं कि दुनिया में संपत्ति का समान बंटवारा करने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है.

हाल ही में जारी ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पूरी दुनिया में लगभग 2,150 अरबपति ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 2020 के मुकाबले 3.3 खरब डॉलर बढ़ चुकी है. जबकि पांच अरब लोग ऐसे हैं जो इसी अवधि में और ज्यादा गरीब हुए हैं.

2022 में जब इंगेलहोर्न की दादी की मौत हुई तो उन्हें कई करोड़ यूरो विरासत में मिले. जनवरी में इंगेलहोर्न ने इसमें से 2.5 करोड़ यूरो लोगों में बांटने का ऐलान किया. यह धन कैसे बांटा जाएगा, इसके लिए उन्होंने ऑस्ट्रिया के 50 लोगों का एक समूह बनाने का ऐलान किया. वह चाहती हैं कि ये 50 लोग उन्हें सुझाव दें कि इस धन का बंटवारा कैसे हो.

कैसे होगा फैसला

इस प्रक्रिया को और ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने के लिए बेतरतीबवार चुने गए 16 वर्ष से ऊपर के दस हजार लोगों को समूह में शामिल होने का न्यौता दिया गया. इसके लिए उन्हें एक फॉर्म भरना था. इनमें से 50 लोग चुने गए.

मार्च से जून के बीच ये लोग ऑस्ट्रिया के साल्त्सबुर्ग में कई बार मिलेंगे और धन के बंटवारे के लिए विचार-विमर्श करेंगे. अभियान के आयोजकों की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक अगर यह समूह "आमजन की भलाई के लिए धन के बंटवारे को लेकर विचार देने में असमर्थ रहता है” तो बंटवारे के लिए रखी गई ढाई करोड़ यूरो की राशि इंगेलहोर्न के पास लौट जाएगी.

यूनिवर्सिटी में जर्मन भाषा की पढ़ाई कर चुकीं इंगेलहोर्न कहती हैं कि अपना "90 फीसदी से ज्यादा” धन लोगों में बांट देने के बाद वह एक आम नौकरी करना चाहती हैं.

वह कहती हैं, "मैं समाज के सबसे धनी एक फीसदी लोगों में से निकलकर 99 फीसदी कम धनी लोगों में शामिल हो जाऊंगी. मुझे लगता है कि यह बेहतरी है. मैं लोकतांत्रिक समाज में ऊपर की ओर बढ़ रही हूं. अमीरी के कीचड़ से निकल रही हूं.”

ऑस्ट्रिया में असमानता

विएना की यूनिवर्सिटी ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ाने वाले अर्थशास्त्री इमानुएल लिस्ट कहते हैं कि यूरोप की आर्थिक असमानता ऑस्ट्रिया में बहुत उभर कर दिखाई देती है.

यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के अनुमान के आधार पर प्रोफेसर लिस्ट बताते हैं, "ऑस्ट्रिया में सबसे धनी पांच फीसदी लोगों के पास देश की 54 फीसदी संपत्ति है. देश के आधे से ज्यादा लोगों के पास मात्र चार फीसदी संपत्ति है, यानी कुछ भी नहीं है.”

ऑस्ट्रिया में हर साल लगभग 15 अरब यूरो विरासत में अगली पीढ़ी को मिल रहे हैं और किसी को विरासत में दौलत मिलेगी या नहीं, प्रोफेसर लिस्ट के मुताबिक यह बात "कुल संपत्ति के मामले में ऊपर जाने में” बहुत बड़ी भूमिका निभाती है.

2008 में देश में विरासत पर लगने वाला टैक्स खत्म कर दिया गया था. वैसे दुनिया में कई अरबपति अपनी संपत्ति दान करते रहे हैं. मसलन अमेरिकी अरबपति वॉरेन बफेट ने अपनी 99 फीसदी संपत्ति को दान करने का ऐलान किया था. लेकिन लिस्ट कहते हैं कि इंगेलहोर्न की कोशिश वैज्ञानिक है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)