विदेश की खबरें | बाइडन ने म्यांमा के सैन्य नेताओं के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमा में सैन्य नेताओं पर तख्तापलट के मद्देनजर कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

वाशिंगटन, 11 फरवरी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमा में सैन्य नेताओं पर तख्तापलट के मद्देनजर कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

बाइडन ने व्हाइट हाउस में बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘आज मैं कई कार्रवाइयों की घोषणा कर रहा हूं और म्यांमा में तख्तापलट के लिए जिम्मेदार नेताओं पर प्रतिबंध लगाकर इसकी शुरुआत कर रहा हूं। म्यांमा सरकार को अमेरिका से मदद के रूप में मिले एक अरब डॉलर के कोष तक वहां के जनरलों की अनुचित तरीके से पहुंच को रोकने के लिए अमेरिका की सरकार यह कदम उठा रही है।’’

बाइडन ने कहा कि उन्होंने एक नए शासकीय आदेश को मंजूरी दी है जो तख्तापलट का निर्देश देने वाले सैन्य नेताओं, उनके कारोबारी हितों और उनके परिवार के सदस्यों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाता है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हम निर्यात पर भी कड़ा नियंत्रण लगाने वाले हैं। अमेरिका की ऐसी संपत्ति को जब्त किया जा रहा है जिनसे म्यांमा की सरकार को लाभ होता था।’’

उन्होंने कहा कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है। बाइडन ने कहा, ‘‘म्यांमा के लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं। दुनिया इसे देख रही है।’’

बाइडन ने मांग की कि म्यांमा की सेना को आठ नवंबर को हुए चुनाव में देश के लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘आज एक बार फिर मैं म्यांमा की सेना से आह्वान करता हूं कि वह आंग सान सू ची और विन मिंट समेत लोकतांत्रिक नेताओं को तत्काल रिहा करे।’’

बाइडन ने कहा कि अमेरिका में दोनों दलों की सरकारें म्यांमा में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को लेकर चिंतित रही हैं।

सीनेट के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने बाइडन की इस घोषणा का स्वागत किया।

इस बीच प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सांसद ग्रेगरी मीक्स और एशिया, प्रशांत, मध्य एशिया एवं परमाणु अप्रसार पर उपसमिति के अध्यक्ष एमी बेरा ने म्यांमा की स्थिति पर बुधवार को बैठक की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा कि म्यांमा के सैन्य नेता यह जान लें कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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