बार एसोसिएशन ने प्रधान न्यायाधीश से उच्चतम न्यायालय के ग्रीष्म अवकाश को रद्द करने की अपील की

वकीलों के संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का पहला चरण 14 अप्रैल को खत्म होने के बाद भी पाबंदी जारी रहने की संभावना है , ऐसे में प्रधान न्यायाधीश और सहयोगी न्यायाधीशों को वादियों की परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए ।

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और उनके सहयोगी न्यायाधीशों से इस साल गर्मी की छुट्टी स्थगित करने और वादियों तथा न्याय के व्यापक हित में इस अवधि को कामकाजी दिन मानने की अपील की है।

वकीलों के संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का पहला चरण 14 अप्रैल को खत्म होने के बाद भी पाबंदी जारी रहने की संभावना है , ऐसे में प्रधान न्यायाधीश और सहयोगी न्यायाधीशों को वादियों की परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए ।

संगठन ने न्यायाधीशों से शीर्ष न्यायालय के समूचे कामकाज को क्रमिक तौर पर बहाल करने के लिए भी कदम उठाने का अनुरोध किया ।

बार एसोसिएशन द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि इसके तहत कार्यकारी परिषद प्रधान न्यायाधीश और उनके सहयोगी न्यायाधीशों से अपील करती है कि वे गर्मी की छुट्टी रद्द करें और इस अवधि को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कामकाज के रूप में मानें।

एसोसिएशन ने कहा एससीबीए का संकल्प है कि उच्चतम न्यायालय में वकालत करने वाले सारे वकील 16 मई से पांच जुलाई तक ग्रीष्म अवकाश पर नहीं जाएंगे और काम पर उपलब्ध रहेंगे ।

एसोसिएशन ने मांग की है कि अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा बेहतर की जाए ।

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