देश की खबरें | बघेल का निर्मला से आग्रह: छत्तीसगढ़ के लघु और मध्यम कारोबारियों को राहत प्रदान की जाए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों का हवाला देते हुए सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि प्रदेश के लघु एवं मझोले कारोबारियों को विभिन्न तरह की कर अदायगी तथा कर्ज की किस्तों के भुगतान में कुछ महीने की राहत प्रदान की जाए।

नयी दिल्ली, तीन मई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों का हवाला देते हुए सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि प्रदेश के लघु एवं मझोले कारोबारियों को विभिन्न तरह की कर अदायगी तथा कर्ज की किस्तों के भुगतान में कुछ महीने की राहत प्रदान की जाए।

उन्होंने सीतारमण को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है।

प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से यहां जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, ‘‘ कोविड-19 महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के अंतिम प्रभावी कदम के रूप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित लगभग सभी जिलों में दिनांक 9 अप्रैल से प्रारंभ कर 6 मई की सुबह तक पूर्ण निरूद्ध जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है। इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।’’

उन्होंने बताया कि ‘छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज’ ने इस आर्थिक परेशानी में उनकी सहायता के उद्देश्य से कुछ फौरी राहतों की मांग की है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से आग्रह किया, ‘‘व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार के रिटर्न को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए। व्यवसाय संचालन के मकसद से लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है। ये उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक होंगे।’’

हक

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