IND vs AUS Test Series: भारत ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के दौरान खराब पिचों का इस्तेमाल हुआ- पूर्व कप्तान मार्क टेलर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए अब तक इस्तेमाल की गयी तीनों पिचों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की पिच तैयार करने में कुछ हद तक ‘चालबाजी’ की गयी है.
मेलबर्न, 4 मार्च : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए अब तक इस्तेमाल की गयी तीनों पिचों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की पिच तैयार करने में कुछ हद तक ‘चालबाजी’ की गयी है. भारत चार मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे है और अहमदाबाद में एक टेस्ट मैच खेला जाना बाकी है. नागपुर और नयी दिल्ली की पिचों को आईसीसी ने ‘औसत’ रेटिंग दी जबकि मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड द्वारा इंदौर की पिच को ‘खराब’ करार दिया गया. इस खराब रेटिंग से इंदौर को तीन डिमैरिट अंक भी मिले और ये अंक पांच साल की अवधि के लिये बने रहेंगे. भारतीय टीम दोनों पारियों में 109 और 163 रन के स्कोर पर सिमट गयी थी जबकि आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 197 रन बनाये और फिर तीसरे दिन सुबह उसने 76 रन के लक्ष्य का पीछा कर जीत हासिल की.
टेलर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से इंदौर की पिच रेटिंग को सही करार देते हुए कहा, ‘‘मैं इससे सहमत हूं. मुझे निश्चित रूप से लगता है कि श्रृंखला के लिए पिचें पूरी तरह से खराब रही हैं. ईमानदारी से कहूं तो इंदौर की पिच तीनों में से सबसे खराब थी. मुझे नहीं लगता कि पिच पर पहले दिन से ही स्पिनरों को इतनी मदद मिलनी चाहिये.’’ इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मैच के चौथे या पांचवें दिन अगर ऐसा होता है तो चीजें समझ में आती है लेकिन अगर पहले दिन से ही गेंद इतना अधिक टर्न ले तो यह खराब (पिच) तैयारी का नतीजा है. मुझे लगा कि इंदौर की पिच बहुत खराब है और उसी हिसाब से रैंकिंग दी जानी चाहिए थी.’’ भारत के पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर हालांकि इंदौर की पिच को ‘खराब’ रेटिंग दिये जाने से खुश नहीं है. उन्होंने गाबा की पिच का उदाहरण दिया, जहां दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट दो के भीतर समाप्त होने के बावजूद आईसीसी द्वारा ‘औसत से खराब’ रेटिंग दी गई थी. यह भी पढ़ें : IND vs AUS Test Series: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अक्सर सफल होते हैं स्टैंड-इन कप्तान, आंकड़े देखकर आप भी चौंक जाएंगे
टेलर ने उनसे असहमति जताते हुए कहा कि ब्रिसबेन की पिच दोनों टीमों के लिए समान थी जबकि भारत-ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट के लिए पूरी से स्पिनरों की मददगार पिच तैयार की गयी थी. ऑस्ट्रेलिया के इस कप्तान ने कहा, ‘‘ गाबा की पिच पर दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों को भी उतना ही (ऑस्ट्रेलिया के रूप में) मदद मिली करता क्योंकि उनके पास चार बहुत अच्छे तेज गेंदबाज थे. भारतीय पिचों के मामले में ऐसा नहीं है.यहां चालबाजी के साथ ऐसी पिचें तैयार की गयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इससे हमारे स्पिनरों को हुनर दिखाने का मौका मिला और उन्होंने भारत की सोच से कहीं अच्छा प्रदर्शन किया.’