देश की खबरें | सेना ने शोपियां मुठभेड़ मामले में ‘समरी ऑफ एविडेंस’ की कार्रवाई शुरू की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के आमशीपुरा में जुलाई में हुई मुठभेड़ में अपने लोगों को अभ्यारोपित करने के बाद सेना ने ‘समरी ऑफ एविडेंस’ की कार्रवाई शुरू की है, जो संभावित ‘कोर्ट मार्शल’ से पहले का कदम है। इस दौरान सभी प्रत्यक्षदर्शी आम नागरिकों से भी जिरह की जाएगी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

श्रीनगर, 28 सितंबर दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के आमशीपुरा में जुलाई में हुई मुठभेड़ में अपने लोगों को अभ्यारोपित करने के बाद सेना ने ‘समरी ऑफ एविडेंस’ की कार्रवाई शुरू की है, जो संभावित ‘कोर्ट मार्शल’ से पहले का कदम है। इस दौरान सभी प्रत्यक्षदर्शी आम नागरिकों से भी जिरह की जाएगी।

अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।

यह भी पढ़े | Syeda Anwara Taimur Passes Away: असम की पूर्व सीएम सैयदा अनवरा तैमूर का निधन, PMO इंडिया-कांग्रेस नेताओं ने जताया शोक.

इस माह के शुरू में पूरी हुई ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ में ‘प्रथम दृष्टया’ यह सबूत पाया गया है कि सैनिकों ने 18 जुलाई की मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) के तहत प्राप्त शक्तियों से इतर जाकर कार्रवाई की। इस कार्रवाई में तीन लोगों की जान चली गयी थी।

इसके बाद सेना ने अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की थी।

यह भी पढ़े | Singer SP Balasubrahmanyam Dies: गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का निधन, ‘शैव’ सम्प्रदाय से रखते थे संबंध.

अधिकारियों ने बताया कि कुछ आम नागरिक गवाहों को भी जिरह के लिए बुलाया जाएगा जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो स्थानीय सेना के लिए ‘मुखबिर’ के रूप में काम करते हैं लेकिन उन्होंने सैनिकों को संभवत: गलत दिशा में भेज दिया।

सेना के एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘आप देखिए, इसके हर पहलू की विस्तार से जांच की जरूरत है। सेना जांच को तार्किक परिणति तक ले जाने के लिए कटिबद्ध है लेकिन हर पहलू की जांच किए जाने की जरूरत है।’’

नियमों के अनुसार सेना के संबंधित कर्मियों के विरुद्ध ‘समरी ऑफ एविडेंस’ के दौरान कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामले के सभी ब्योरे को परखा जाएगा। उसके बाद ‘कोर्ट मार्शल’ की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि सेना पारदर्शिता के उच्च मापदंडों का पालन करती है और जब भी नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो वह संबंधित अधिकारियों को दंडित करती है।

‘समरी ऑफ एविडेंस’ के दौरान आरोपियों के खिलाफ आरोप के संबंध में सबूत और किसी अन्य साक्ष्य को रिकॉर्ड में लिया जाता है। आरोप संबंधी सबूत लिखित में दर्ज किये जाते हैं और इसमें आरोपी का बयान भी हो सकता है।

सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि शोपियां जिले के आमशीपुरा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए।

आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए कटिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर यह बात सामने आने के बाद ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ शुरू की कि मारे गए तीनों व्यक्ति जम्मू के राजौरी जिले के निवासी थे और वे आमशीपुरा में लापता हो गए। जांच रिकॉर्ड चार सप्ताह में पूरी हो गई और अब ‘समरी ऑफ एविडेंस’ शुरू की गयी है।

इन तीनों व्यक्तियों के परिवारों ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज करायी है। ये तीनों व्यक्ति शोपियां में श्रमिक के रूप में काम करते थे।

सेना ने 18 सितंबर को एक संक्षिप्त बयान में कहा था कि सेना प्रमुख द्वारा निर्धारित एवं उच्चतम न्यायालय से अनुमोदित ‘क्या करें, क्या नहीं करें’ नियमों का शोपियां अभियान के दौरान उल्लंघन किया गया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\