देश की खबरें | स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन: मद्रास उच्च न्यायालय ने की कड़ी टिप्पणी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मद्रास उच्च न्यायालय ने तूतीकोरिन में मई 2018 में हुई पुलिस गोलीबारी को लेकर शुक्रवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा, ‘‘क्या हम लोगों को मार सकते हैं, उन पर पैसे फेंक सकते हैं और कह सकते हैं कि हमारा काम खत्म हो गया है। क्या यही वह समाज है जिसे हम बनाना चाहते हैं।’’

मदुरै/ चेन्नई, 25 जून मद्रास उच्च न्यायालय ने तूतीकोरिन में मई 2018 में हुई पुलिस गोलीबारी को लेकर शुक्रवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा, ‘‘क्या हम लोगों को मार सकते हैं, उन पर पैसे फेंक सकते हैं और कह सकते हैं कि हमारा काम खत्म हो गया है। क्या यही वह समाज है जिसे हम बनाना चाहते हैं।’’

तूतीकोरिन में हिंसक स्टरलाइट विरोधी आंदोलन के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई थी।

एक कार्यकर्ता हेनरी तीफाग्ने की जनहित याचिका (पीआईएल) पर आज सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने ये सवाल उठाये। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति टी एस शिवगनम हैं। पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पुलिस गोलीबारी में अपनी ‘अघोषित’ जांच रिपोर्ट की एक प्रति भेजने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश ने प्रदूषण चिंताओं पर वेदांता कॉपर स्मेल्टर संयंत्र बंद करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन में मारे गये पीड़ितों के परिजनों के लिए घोषित अनुग्रह राशि का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘क्या केवल प्रभावित लोगों पर पैसे फेंक कर मामले को रफा-दफा करना संभव है?’’

मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने कहा, ‘‘यह कुछ हद तक चिंताजनक है कि राज्य अपनी पुलिस के माध्यम से निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला रहा है और तीन साल बाद भी किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है। यह संवैधानिक सिद्धांतों द्वारा शासित नागरिक समाज के लिए अच्छा नहीं हो सकता है कि हमें केवल परिवारों पर पैसा फेंकना है।’’ हालांकि उन्होंने कहा कि तथ्य सामने आने से पहले अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि तथ्य सामने आए और उन्हें सार्वजनिक किया जाए।

पीठ एक गैर सरकारी संगठन ‘पीपुल्स वॉच’ के कार्यकारी निदेशक तीफाग्ने की जनहित याचिका पर अंतरिम आदेश पारित कर रही थी। याचिका में राज्य को इस घटना पर एनएचआरसी द्वारा दर्ज मामले को फिर से खोलने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने एनएचआरसी को इस मामले में अपनी 2018 की जांच रिपोर्ट दाखिल करने और चार सप्ताह में जवाबी हलफनामे के माध्यम से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई नौ अगस्त को होगी।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 22 मई, 2018 को स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया था और इस दौरान पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी।

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