अक्षय कुमार ने आईआईटी-आईएसएम के छात्रों से की ‘मिशन रानीगंज’ पर चर्चा
अभिनेता अक्षय कुमार ने अपनी आने वाली फिल्म ‘मिशन रानीगंज-द ग्रेट भारत रेसक्यू’ पर यहां ‘आईआईटी-इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स’ के शिक्षकों तथा छात्रों से वर्चुअल माध्यम से चर्चा की।
धनबाद(झारखंड),30 सितंबर : अभिनेता अक्षय कुमार ने अपनी आने वाली फिल्म ‘मिशन रानीगंज-द ग्रेट भारत रेसक्यू’ पर यहां ‘आईआईटी-इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स’ के शिक्षकों तथा छात्रों से वर्चुअल माध्यम से चर्चा की. यह फिल्म संस्थान के पूर्व छात्र जसवंत सिंह गिल के साहसिक कार्य पर आधारित है। गिल खनन इंजीनियर थे और उन्होंने 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में एक जलमग्न भूमिगत खदान में फंसे 64 श्रमिकों को बचाया था। यह स्थान ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकार क्षेत्र में आता था.
अक्षय कुमार ने शुक्रवार शाम 6.30-7.30 के बीच संस्थान के पेनमैन ऑडिटोरियम में छात्रों और शिक्षकों के साथ गिल के साहसिक कार्य तथा अन्य मुद्दों पर बातचीत की. तत्कालीन ‘इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स’ (आईएसएम) के 1965 बैच के खनन इंजीनियर गिल को उनके साहसिक कार्य के लिए 1991 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण ने सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया था. आईआईटी-आईएसएम के निदेशक प्रोफेसर जे के पटनायक ने कहा, ‘‘छात्रों ने उनसे आने वाली फिल्म सहित विभिन्न मुद्दों पर कई सवाल पूछे.
बॉलीवुड अभिनेता ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने संस्थान का दौरा करने की इच्छा भी व्यक्त की.’’ छात्रों से बातचीत के दौरान कुमार ने कहा कि जब उन्हें गिल के काम के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत प्रेरणा मिली और उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का निर्णय किया.घटना के समय गिल रानीगंज में ईसीएल की महाबीर कोलीयरी में पदस्थ थे। उन्होंने फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए 2.5 मीटर लंबा स्टील का कैप्सूल बनाया और उसके जरिए सभी को बचाया. इस वीरतापूर्ण कार्य के लिए कोल इंडिया ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा था.
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