ताजा खबरें | हवाई अड्डों का विनिवेश नहीं किया गया, राज्यों में हवाई क्षेत्र के विकास पर होगा जोर : सिंधिया

नयी दिल्ली, 23 मार्च देश के कुछ हवाई अड्डों को ‘बेचने या उनका विनिवेश करने’ के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि देश में छह हवाई अड्डों को पट्टे की व्यवस्था के आधार पर निजी क्षेत्र को दिया गया है जिससे सरकार को 64 प्रतिशत अधिक राशि प्राप्त होगी और इसका उपयोग राज्यों में हवाई अड्डों के विकास पर किया जायेगा।

मंत्री ने बताया कि देश में दो नयी एयरलाइन-जेट और आकाशा शुरू होने जा रही हैं और 2025 तक देश में 42 नये ब्राउनफील्ड और 3 नए ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डे स्थापित किये जायेंगे।

लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कुछ सदस्यों ने हवाई अड्डों को बेचने और विनिवेश किये जाने का उल्लेख किया था जो सही नहीं है।

सिंधिया ने कहा, ‘‘ हमारी नीति विनिवेश की नहीं है। जिन छह हवाई अड्डों की बात हो रही है, वे विनिवेश या निजीकरण के आधार पर निजी कंपनियों को नहीं दिये गये हैं। इन्हें पट्टे की व्यवस्था के आधार पर दिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि विनिवेश और पट्टे की व्यवस्था में काफी अंतर है और पट्टे की व्यवस्था में परिसम्पत्ति कुछ नियत वर्ष के लिये दी जाती है और इस पर मूल स्वामी का स्वामित्व बना रहता है।

मंत्री ने कहा कि इन छह हवाई अड्डों से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को प्रति वर्ष 550 करोड़ रूपये की कमाई होती, लेकिन इन्हें पट्टे पर देने के बाद एएआई को प्रति वर्ष 904 करोड़ रूपये मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार से इन छह हवाई अड्डों से एएआई को अतिरिक्त 354 करोड़ रूपये या 64 प्रतिशत अतिरिक्त राशि मिलेगी।

सिंधिया ने कहा, ‘‘ पट्टे पर देने से जो राशि मिलेगी, उसका उपयोग राज्यों में ही हवाई अड्डों के विकास के लिये खर्च में किया जायेगा।’’

उन्होंने यह भी बताया कि इन छह हवाई अड्डों पर एएआई ने 2300 करोड़ रूपया खर्च किया था, उसके एवज में भारत सरकार के खाते में 2,322 करोड़ रूपये पहले ही प्राप्त हो गए हैं।

नागर विमानन मंत्री ने कहा, ‘‘ एयरलाइन और हवाई अड्डों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू अंतिम छोर तक सम्पर्क स्थापित करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले सात वर्षों में इस क्षेत्र का लोकतांत्रीकरण किया है।’’

उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा जो पहले कुछ चुने हुए लोगों तक सीमित थी, उसके दरवाजे अब सभी के लिये खोल दिये गए हैं।

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को खारिज करते हुए वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

विनिवेश को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि जो लोग विनिवेश का आरोप लगाकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, उन्हें अपना रिकार्ड देखना चाहिए, जब 1991 से 1993 तक तत्कालीन केंद्र सरकार ने 3,000 करोड़ रुपये का विनिवेश का कार्यक्रम चलाया था जो भारत सरकार के नवरत्न भारत पेट्रोलियम, गेल, एचपीसीएल आदि के लिए था।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2009 तक 8,500 करोड़ रुपये का विनिवेश कार्यक्रम एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन, एचपीसीएल और बीपी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए चलाया गया, वहीं 2004 से 2014 तक 1,05,000 करोड़ रुपये का विनिवेश कार्यक्रम चलाया गया।

मंत्री ने कहा कि आने वाले गर्मियों के कार्यक्रम में 115 घरेलू और 15 नई वैश्विक उड़ानें शुरू होने जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि नयी योजना ‘डिजियात्रा’ के तहत आधार कार्ड और बायोमेट्रिक के आधार पर विमानतल पर यात्रियों की सुगम तरीके से जांच होगी और इससे प्रतीक्षा समय कम होगा।

दीपक वैभव

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