Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, 'गंभीर' होते जा रहे हैं हालात
पिछले 24 घंटे में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 रहा. शनिवार को यह 367 था जबकि शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 दर्ज किया गया था.
नई दिल्ली: एक नवंबर पराली जलाने की ‘‘सामान्य से अधिक घटनाओं’’ के कारण हवा की बेहतर गति का प्रभाव समाप्त होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता रविवार को भी ‘‘बहुत खराब’’ बनी रही. दिल्ली की वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली ने कहा है कि आज रात वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाने की आशंका है लेकिन सोमवार तक वह फिर ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में आ जाएगी.
पिछले 24 घंटे में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 रहा. शनिवार को यह 367 था जबकि शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 दर्ज किया गया था.
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के अनुसार, रविवार को दिल्ली के प्रदूषण मं पराली जलाने की भागीदारी 40प्रतिशत तक पहुंच गयी जो इस सीजन में अधिकतम है. यह शनिवार को 32,शुक्रवार को 19 प्रतिशत और बृहस्पतिवार को 36 प्रतिशत थी.
उसके अनुसार शनिवार को पराली जलाने की पंजाब,हरियाणा, उत्तर प्रदेश (51) और उत्तरराखंड में 3216 घटनाएं हुईं. सफर के मुताबिक पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली में प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 फीसद थी.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से प्राप्त उपग्रह चित्रों में पंजाब में और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली इत्यादि जलाने की घटनाओं की पुष्टि हुई. सफर ने बताया कि बेहतर वायु संचार के बावजूद दिल्ली के एक्यूआई में सुधार नहीं हुआ, लेकिन इसमें आगामी दो दिन में सुधार की उम्मीद है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, रविवार को हवा की दिशा मुख्य रूप से पश्चिमोत्तर रही और हवा की अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा रही. ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक जमीन के निकट रहते हैं, जबकि वायु की अनुकूल रफ्तार के कारण इनके बिखराव में मदद मिलती है.
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