जरुरी जानकारी | भारत-रूस आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता के इस्तेमाल पर हुए सहमत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारत और रूस ने अपने आर्थिक संबंधों को पूरी क्षमता से संचालित करने के लिए मंगलवार को व्यापार घाटे और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर काम करने पर सहमति जताई।

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल भारत और रूस ने अपने आर्थिक संबंधों को पूरी क्षमता से संचालित करने के लिए मंगलवार को व्यापार घाटे और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर काम करने पर सहमति जताई।

दोनों पक्षों ने भारत-रूस व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर गठित अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) की बैठक के दौरान आर्थिक संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के उप प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मांतुरोव ने की।

मांतुरोव आईआरआईजीसी-टीईसी के 24वें सत्र में शामिल होने भारत आए थे। उनके साथ रूस के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत की ओर से रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल की खरीद में बढ़ोत्तरी होने के कारण दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों की समीक्षा की और व्यापार घाटे एवं बाजार पहुंच संबंधी मुद्दों समेत इसे पूरी क्षमता से चलाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।”

इससे एक दिन पहले ही जयशंकर ने रूस के साथ भारत के व्यापार असंतुलन पर तत्काल चर्चा करने की जरूरत बताई थी। जयशंकर ने सोमवार को भारत-रूस व्यापार वार्ता को संबोधित करते हुए मांतुरोव की मौजूदगी में ही कहा था कि व्यापार असंतुलन का समाधान खोजने का वास्तव में मतलब बाजार पहुंच के मुद्दों, गैर-तटकर बाधाओं और भुगतान या लॉजिस्टिक से संबंधित गतिरोधों पर बात करना है।

जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस व्यापार अप्रैल, 2022 से फरवरी, 2023 के बीच लगभग 45 अरब डॉलर का रहा। भारत का रूस के साथ व्यापार घाटा छूट पर भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदने के बाद उल्लेखनीय रूप से बढ़ गया।

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