देश की खबरें | ‘आप’ एक डूबता जहाज है, सिसोदिया की तरह केजरीवाल, आतिशी भी बदल सकते हैं अपनी सीट: भाजपा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची को लेकर सोमवार को उसे ‘‘डूबता जहाज’’ करार दिया। सूची में कई निर्वाचन क्षेत्रों से कई नये नाम शामिल हैं।
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची को लेकर सोमवार को उसे ‘‘डूबता जहाज’’ करार दिया। सूची में कई निर्वाचन क्षेत्रों से कई नये नाम शामिल हैं।
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक सिसोदिया को ‘आप’ ने जंगपुरा सीट से टिकट दिया है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सिसोदिया का सीट बदलना दिखाता है कि आप एक डूबता जहाज है और पार्टी डरी हुई है। केजरीवाल और आतिशी, जिनके नामों की घोषणा ‘आप’ द्वारा अभी तक नहीं की गई है, वे भी सिसोदिया की तरह नयी दिल्ली और कालकाजी सीट से भाग जाएंगे।’’
उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि केजरीवाल मटिया महल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं - जिसे आम आदमी पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को पटपड़गंज सीट छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्होंने विधायक के रूप में अपने पिछले दो कार्यकालों में वहां कुछ नहीं किया।
सचदेवा ने कहा, ‘‘सीट पर उम्मीदवार बदलने से कुछ नहीं बदलेगा और ‘आप’ को दिल्ली में अपने भ्रष्टाचार और लूट के परिणाम भुगतने होंगे। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बनी पार्टी उसी मुद्दे पर खत्म हो जाएगी।’’
उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने "परिवारवाद" के खिलाफ होने का दावा करने के बावजूद चांदनी चौक और कृष्णा नगर से मौजूदा विधायकों के बेटों को टिकट दिया।
पार्टी ने अब तक घोषित 31 उम्मीदवारों की सूची में अपने लगभग 50 प्रतिशत मौजूदा विधायकों को बदल दिया है।
केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने ‘आप’ को एक डूबता जहाज करार दिया और सिसोदिया पर निशाना साधते हुए कहा कि शहर को ‘‘विश्व स्तरीय शिक्षा मॉडल’’ देने के उनके दावे के बावजूद उन्हें निर्वाचन क्षेत्र बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मल्होत्रा ने कहा कि ‘आप’ ने रामनिवास गोयल और दिलीप पांडे जैसे वरिष्ठ नेताओं को टिकट देने से इनकार कर दिया और उनके बजाय अन्य दलों के ‘‘खारिज’’ नेताओं को तरजीह दी।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि ‘आप’ को अब अपने वरिष्ठ नेताओं पर भी भरोसा नहीं रह गया है और यह संभव है कि केजरीवाल एवं आतिशी भी अपनी वर्तमान सीट से हट जाएं।’’
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होने की संभावना है।
वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में ‘आप’ से करारी हार झेलने वाली भाजपा को केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को हराने और 25 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली में सरकार बनाने का भरोसा है।
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