देश की खबरें | आप ने कैग रिपोर्ट के बारे में भाजपा के दावे को ‘मनगढंत और आधारहीन’ बताया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के बारे में भाजपा के दावे पर कक्कड़ ने यहां प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं है और न ही उसे मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल समेत प्रमुख पक्षकारों ने देखा है और न ही यह कैग की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचीबद्ध है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के बारे में भाजपा के दावे पर कक्कड़ ने यहां प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट प्रामाणिक नहीं है और न ही उसे मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल समेत प्रमुख पक्षकारों ने देखा है और न ही यह कैग की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचीबद्ध है।
कक्कड़ ने कहा, ‘‘जो रिपोर्ट वह (भाजपा) दिखा रही है, वह फर्जी है और उसके (भाजपा के) कार्यालय में बनायी गयी है। इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। यह वही रणनीति है, जिसका इस्तेमाल भाजपा झूठे आरोपों के जरिये लोगों को गुमराह करने के लिए बार-बार करती है।’’
शराब नीति समेत विभिन्न मामलों में भाजपा द्वारा पहले लगाये गये आरोपों का हवाला देते हुए कक्कड़ ने दावा किया कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी उनके दावे को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया।
कक्कड़ ने कहा, ‘‘भाजपा के शासनकाल में निर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत 7.5 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 705 करोड़ रुपये कर दिया गया। भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों का निराकरण करने के बजाय, भाजपा फर्जी आरोप लगाने में व्यस्त है।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऐसे नेता है जिन्होंने मुफ्त बिजली, पानी, विश्वस्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी पहलों के मार्फत दिल्ली को बदल दिया।
इससे पहले दिन में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने प्रेसवार्ता में दावा किया कि कैग रिपोर्ट में आबकारी नीति के बारे में 10 प्रमुख निष्कर्षों का उजागर किया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को (कैग) रिपोर्ट में उठाये गये प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए।
उन्होंने केजरीवाल को इस घोटाले का सरगना बताते हुए कहा, ‘‘उन्हें बताना ही होगा कि पैसे किसने लूटे।’’
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दावा किया कि कैग रिपोर्ट ने जानबूझकर की गई चूक को उजागर किया है, जिससे सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति तैयार करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था।
कई महीने जेल में बिताने के बाद दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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