देश की खबरें | हिमाचल प्रदेश में 381 और पक्षियों की मौत, केरल पहुंची केंद्रीय टीम
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, सात जनवरी देश में बृहस्पतिवार को कई राज्यों में और अधिक पक्षियों की मौत होने के मामले सामने आए। हिमाचल प्रदेश में 381 प्रवासी पक्षी मृत पाये गए, जबकि केरल के दो जिलों में स्थिति का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम पहुंची है, जहां हजारों मुर्गियों और बत्तखों को मारा गया है।

वहीं, दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे संक्रमण की रोकथाम के लिए "पड़ोसी राज्यों" से आ रहे पॉल्ट्री उत्पादों पर नजर रखें।

केंद्र सरकार ने कहा है कि केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ही अबतक बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं, लेकिन सभी राज्य किसी भी अकस्मात स्थिति के लिए तैयार रहें।

राज्यों से कहा गया है कि वे पक्षियों को मारने के लिए जरूरी पीपीई किट और सहायक उपकरणों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करें। उनसे यह भी कहा गया है कि वे यह जागरूकता फैलाएं कि ठीक तरह से पका कर या उबाल कर पॉल्ट्री उत्पाद खाए जा सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया कि कांगड़ा जिले के पोंग वन्यजीव अभयारण्य में बृहस्पतिवार को 381 और प्रवासी पक्षी मृत मिले, जिसके बाद मृत पक्षियों की संख्या बढ़कर 3,409 हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि पोंग नम भूमि क्षेत्र के आसपास पिछले कुछ दिनों में 64 कौवे भी मृत पाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में कई कौवे मृत पाए गए और उनके नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। माना जा रहा है कि पक्षियों की मौत एच5एन1 एवियन इंफ्लूएंजा के प्रकोप के कारण हुई है।

मुख्य वन्यजीव संरक्षक अर्चना शर्मा ने कहा कि देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम स्थिति का आकलन करने और प्रकोप को रोकने के लिए पोंग का दौरा कर रही है।

उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों के सुरक्षित निपटान के लिए अभयारण्य क्षेत्र के नौ हिस्सों में 10 त्वरित प्रतिक्रिया टीमें काम कर रही हैं। निगरानी अभियान के लिए 55 लोगों को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नगरोटा सुरियन में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है ।

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शुक्रवार को धर्मशाला में वन्यजीव, पशुपालन, स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।

केरल में बर्ड फ्लू संकट के बीच राज्य की सीमा से सटे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में छह कौवे मृत मिले हैं।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने बृहस्पतिवार को बताया कि पक्षियों की मौत का कारण जानने के लिए उनके नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि केरल की सीमा से सटे सभी जिलों में आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए हैं और अभी चिंता की कोई बात नहीं है।

केरल सरकार के बयान के अनुसार, बर्ड फ्लू को नियंत्रित करने के लिए बत्तखों और मुर्गे-मुर्गियों सहित 69,000 से ज्यादा पक्षियों को अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में मार दिया गया।

उन्होंने कहा, " जब हमें रिपोर्ट मिल जाएगी, तो उसके आधार पर, हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ चर्चा करेंगे और दिशानिर्देश जारी करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे ... लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।"

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के डाला क्षेत्र में बुधवार की शाम नौ कौओं के मृत मिलने के मामले में अधिकारियों का कहना है कि संभवत: ठंड के कारण इनकी मौत हुयी है ।

इस संबंध में ज़िले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ए के श्रीवास्तव ने बताया कि डाला क्षेत्र में कौओं की मौत की खबर मिलने के बाद पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौक़े पर गयी ।

उन्होंने बताया कि दो कौओं के नमूने जांच के लिए भोपाल भेज दिए गए हैं जिससे वास्तविकता की जानकारी हो सके ।

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के गौतम बुद्ध नगर जिले में पॉल्ट्री फार्म और वेटलैंड्स का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ टीमों का गठन किया गया है जबकि जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने लोगों को बर्ड फ्लू के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों के झांसे में नहीं आने को कहा।

गुजरात में बर्ड फ्लू को लेकर जारी अलर्ट के बीच मेहसाणा जिले में बृहस्पतिवार को चार कौवे मृत पाये गये।

अधिकारियों ने बताया कि ये कौवे मेहसाणा के मोढेरा गांव में प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के परिसर में मृत मिले।

मेहसाणा के पशुपालन अधिकारी डॉ. भरत देसाई ने पीटीआई- को बताया कि मरे हुए कौवों के नमूने जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गये हैं जिससे यह पता चल सके कि इनकी मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है या किसी और कारण से।

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