देश की खबरें | उप्र में कोरोना के 1733 नये मामले, मृतकों की संख्या 1084 हुयी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. अपर मुख्य सचिव :चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण के 1733 मामले बीते 24 घंटे में सामने आये जबकि प्रदेश में इस समय 16, 445 मरीजों का इलाज चल रहा है ।

अपर मुख्य सचिव :चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण के 1733 मामले बीते 24 घंटे में सामने आये जबकि प्रदेश में इस समय 16, 445 मरीजों का इलाज चल रहा है ।

उन्होंने बताया कि 27, 634 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं वहीं बीते 24 घंटे में 38 और मौतों के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढकर 1084 हो गयी ।

यह भी पढ़े | जम्मू-कश्मीर: आतंकियों के लिए काल बने सुरक्षाबल, मुठभेड़ में IED एक्सपर्ट वलीद समेत 3 आतंकी ढेर.

प्रसाद ने बताया कि इस समय प्रदेश में एकांतवास वार्ड :आइसोलेशन वार्ड: में 16, 454 मरीज भर्ती हैं । उनका इलाज विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों में किया जा रहा है । पृथकवास केन्द्रों में 4142 लोग हैं, जिनके नमूने लेकर जांच की जा रही है ।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को नमूनों की जांच में नया मुकाम हासिल हुआ और 54 हजार से अधिक परीक्षण किये गये । कुल 54, 207 नमूनों की जांच की गयी जो अब तक का सबसे बडा आंकडा है । इनमें आरटीपीसीआर, एंटीजन आदि जांच शामिल हैं ।

यह भी पढ़े | विकास दुबे के एनकाउंटर को यूपी पुलिस ने बताया सही, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट, सोमवार को होगी सुनवाई.

कुल मिलाकर अब तक 13, 79, 534 नमूनों की जांच की जा चुकी है ।

प्रसाद ने बताया कि पूल टेस्टिंग के माध्यम से बृहस्पतिवार को पांच पांच नमूनों के 2907 पूल लगाये गये, जिनमें से 432 पूल संक्रमित निकले जबकि दस दस नमूनों के 432 पूल लगाये गये, जिनमें से 66 पूल संक्रमित पाये गये ।

उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार उपयोग किया जा रहा है । इस ऐप के जरिए जिन लोगों को एलर्ट आये, ऐसे 2, 86, 406 लोगों को स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से फोन कर उनका हालचाल लिया गया ।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि निगरानी का कार्य लगातार चल रहा है । कुल 29, 873 निषिद्ध क्षेत्र में 1, 24, 35, 528 घरों में 6, 34, 41, 383 लोगों की निगरानी की गयी है ।

उन्होंने बताया कि अभी तक पूरे प्रदेश में 'डोर टू डोर' सर्वे का अभियान चल रहा था, जिसके तहत लोगों के घरों पर नंबर लिखे गये, तारीख लिखी गयी और स्टिकर लगाये गये । ये अभियान 15 जुलाई को समाप्त हुआ और इस दौरान करीब पौने दो लाख लोग ऐसे मिले, जिन्हें खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायतें थीं । उन सभी के नमूने एकत्र करने का अभियान चल रहा है ।

प्रसाद ने बताया कि सर्वे के दौरान टीमों ने 75 जिलों में घर घर जाकर जानकारी एकत्र की । पहले से बीमार लोगों का ब्यौरा तैयार किया ।

उन्होंने बताया कि सरकार ने एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों की व्यवस्था बना रखी है । इसके अलावा कोविड केयर सेंटर और मेडिकल कालेजों में भी उपचार चल रहा है । एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों में एक लाख 51 हजार बेड उपलब्ध हैं । डाक्टर विनोद पाल कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप निजी अस्पतालों के लिए कोविड उपचार की दरें अधिसूचित कर दी गयी हैं ।

प्रसाद ने बताया कि अगर कोई निजी अस्पताल पूरे अस्पताल या किसी एक ब्लाक को कोविड अस्पताल में परिवर्तित करना चाहता है तो उसके रेट पहले ही निर्धारित कर दिये गये थे । उनकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है ।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक गृह पृथकवास की अनुमति नहीं दी गयी है । यह सोची समझी नीति है क्योंकि जिनमें लक्षण नहीं होते, वे भी संक्रमण फैलाते हैं । अगर घर में किसी को पृथकवास में रखा गया तो वह अपने घर वालों और बाहर वालों को संक्रमित कर सकता है।

प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग बार बार बेहतर सुविधाओं के लिए भुगतान करने को तैयार रहने की बात कर रहे हैं, उनके लिए 'सुलभ एवं सस्ते विकल्प' पर निर्णय हुआ है ।

उन्होंने बताया कि शुरूआत दो शहरों लखनउ और गाजियाबाद से की जा रही है । बाद में यह व्यवस्था अन्य शहरों में भी लागू की जाएगी । इसके तहत जिला प्रशासन किसी होटल का अधिग्रहण कर सकेगा । दो लोगों के रहने के लिए दो हजार रूपये प्रतिदिन देय होगा यानी प्रति व्यक्ति एक हजार रूपये प्रतिदिन रहने खाने का खर्च होगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इन होटलों में चिकित्सकीय व्यवस्था राज्य सरकार की होगी । इसके लिए एकमुश्त दो हजार रूपये लिये जाएंगे, जिसमें डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं मुहैया करायी जाएंगी ।

उन्होंने बताया कि ये सुविधा उन लोगों के लिए मुहैया करायी गयी है जो अलग से शौचालय और टेलीविजन जैसी सुविधाएं चाहते थे लेकिन इसमें शर्त यह है कि वे लक्षणरहित होने चाहिए । अगर कोई बुजुर्ग हैं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी, लीवर जैसी बीमारियों से पहले से ग्रस्त हैं, गर्भवती महिला हैं या बच्चे हैं तो उनको इस सुविधा के उपयोग का अवसर नहीं होगा । उन्हें कोविड अस्पताल में ही रहना होगा । यह सुविधा केवल हल्के लक्षणों वाले और बिना लक्षण वाले लोगों के लिए होगी ।

प्रसाद ने बताया कि यह सुविधा पूर्णत: वैकल्पिक होगी । राजकीय चिकित्सालय एवं कोविड केयर सेंटर पूरी तरह नि:शुल्क हैं ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\