पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान को क्यों पड़ी है अंतरिक्ष में जानें की जल्दी?
कर्ज में डूबा पाकिस्तान अंतरिक्ष में जाने की तैयारी में पूरे दमखम के साथ जुटा है. उसके इस सपने को साकार करने के लिए चीन ने कथित मदद का हाथ बढ़ाया है. ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान के अंतरिक्ष में जाने को लेकर इतनी फुर्ती भारत की वजह से आई है.
इस्लामाबाद: कर्ज में डूबा पाकिस्तान अंतरिक्ष में जाने की तैयारी में पूरे दमखम के साथ जुटा है. उसके इस सपने को साकार करने के लिए चीन ने कथित मदद का हाथ बढ़ाया है. ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान के अंतरिक्ष में जाने को लेकर इतनी फुर्ती भारत की वजह से आई है. दरअसल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल 2022 तक भारतीय को अपनी तकनीक से अंतरिक्ष भेजेने का ऐलान किया है. भारत की इसी कामयाबी से बौखलाए पाकिस्तान खस्ता हाल अर्थव्यवस्था के बीच 2022 में पहले पाकिस्तानी को अंतरिक्ष में भेजने वाला है.
इसरो की उपलब्धियों में कई ऐसे कीर्तिमान जुड़ चुके है, जिसकी वजह से भारत अमेरिका और रूस जैसे अंतरिक्ष क्षेत्र के अग्रणी देशों की टक्कर में आ गया है. इसलिए इमरान सरकार पाकिस्तान की आजादी की 75वीं सालगिरह मनाने के 70 दिन के अंदर ही अपने देशवासियों को अंतरिक्ष में उड़ान भरने का सपना दिखा रही हैं. इस काम में उसका साथ चीन देनेवाला है.
चीन देगा साथ-
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने घोषणा की कि पाकिस्तान चीन की मदद से 2022 में पहली बार किसी पाकिस्तानी को अंतरिक्ष में भेजेगा. उन्होंने यह घोषणा प्रधानमंत्री इमरान खान की पहली चीन यात्रा से पहले की है.
‘द न्यूज’ की खबर के अनुसार चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने 2022 में अपना पहला अंतरिक्ष अभियान भेजने की योजना बनायी है और गुरुवार को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई संघीय मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को मंजूरी दी गई.
खबर के अनुसार पाकिस्तान अंतरिक्ष एवं बाह्य वातावरण शोध आयोग और एक चीनी कंपनी के बीच पहले ही एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है. इससे पहले इस साल पाकिस्तान ने चीनी प्रक्षेपण यान की मदद से दो उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में भेजा था. दोनों उपग्रहों का निर्माण पाकिस्तान में किया गया था.
इसरो रचेगा इतिहास-
इसरो 2022 तक पहली बार किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है. हाल ही में इसरो प्रमुख कैलाशवादिवू सीवन ने बताया कि इसरो पहली बार 2022 में मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजेगा. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''हमने मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने की डेडलाइन तय कर दी है, यह 2021 के अंत में या 2022 की शुरूआत में हो सकती है.'' उन्होंने कहा कि अगले तीन से छह महीने में इसरो के वैज्ञानिक तीन से चार मिशन पर काम करेंगे.
बजट की कमी-
पाई-पाई को मोहताज हो चुके पाकिस्तान के लिए अंतरिक्ष का पहला सफर आसान नहीं होगा. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतने बुरे दौर पर है कि प्रधानमंत्री इमरान खान कई देशों से कर्ज की मांग कर चुके है. हाल ही में इमरान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 8 अरब डॉलर के कर्ज की मांग की थी. इसके अलावा सऊदी अरब से भी मदद मांगी. जिसके बाद सऊदी अरब ने पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर यानि 44 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की.
पाकिस्तान साल 2013 जैसे एक बार फिर कंगाल होने की कगार पर है. इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान पर 300 खरब रुपए का कर्ज है. इस वजह से पाकिस्तान सरकार को प्रतिदिन छह अरब रुपए का ब्याज भरना पड़ रहा है. जिससे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार और पाकिस्तानी रुपया अपने निचले स्तर पर है.
वहीं अगर दोनों देशों के स्पेस बजट की बात करें तो भारत ने साल 2017-18 में इसरो के लिए क़रीब 9 हज़ार करोड़ रुपये का बजट दिया है. जबकि पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी सुपार्को का 2018-19 का कुल बजट 4.7 अरब पाकिस्तानी रुपये है. ऐसे में पाकिस्तान का अंतरिक्ष में जाने का सपना कैसे पूरा होगा, इसका पता आने वाले समय में ही लग पाएगा.