ब्रिटेन की संसद रूस के वागनर ग्रुप को आतंकवादी संगठन का दर्जा देने जा रही है. इसके बाद ब्रिटिश कानून के तहत वागनर ग्रुप से जुड़ी हर चीज आतंकवाद से जुड़ी संगीन धाराओं की जद में आ जाएगी.रूस के भाड़े के लड़ाकों के संगठन, वागनर ग्रुप को ब्रिटेन आतंकवादी संगठन करार देने पर विचार कर रहा है. वागनर ग्रुप को ब्लैकलिस्ट करने का मतलब होगा कि यह संगठन अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठन की श्रेणी में आ जाएगा. ब्रिटिश कानून के तहत वागनर ग्रुप से जुड़े लोग, आपराधिक गतिविधियों के दायरे में आएंगे. संगठन के वित्तीय लेन देन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ब्रिटेन ने वागनर ग्रुप को आतंकवादी संगठन करार देने के लिए एक मसौदा तय किया है. रिपोर्टों के मुताबिक, टेरेरिज्म एक्ट 2000 के अधीन आने वाले इस प्रस्ताव को बुधवार को ब्रिटिश संसद में पेश किया जाना है.
'हिंसक और विध्वंसक संगठन'
ब्रिटेन के अखबार द डेली मेल ने गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन का बयान छापा है. ब्रेवरमैन के मुताबिक, "वागनर, लूट, यातना और बर्बर हत्याओं में शामिल है. वागनर एक हिंसक और विध्वंसक संगठन है जो विदेशों में व्लादिमीर पुतिन के रूस के लिए सैन्य औजार का काम करता है."
रूसी सेना के खिलाफ वागनर ग्रुप का विद्रोह
होम सेक्रेटरी के हवाले से अखबार कहता है, "पुतिन की सत्ता जब तक यह सोच रही है कि खुद बनाए इस दानव के साथ क्या किया जाए, तब तक वागनर अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियां जारी रख रहा है, वो भी क्रेमलिन के राजनीतिक हित साधने के लिए."
टेरेरिज्म एक्ट के तहत, गृह मंत्री को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संगठन को प्रतिबंधित करने का अधिकार है. बीबीसी के मुताबिक ब्रेवरमैन ने कहा, "वे आतंकवादी हैं, साफ और स्पष्ट- और प्रतिबंधित करने का आदेश इसे ब्रिटिश कानून के सामने स्पष्टता से रखता है."
ब्रिटिश मंत्री ने यूक्रेन, मध्य पूर्व और अफ्रीका में वागनर ग्रुप की गतिविधियों को वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा बताया.
जुलाई में ब्रिटेन ने अफ्रीका में वागनर ग्रुप से संबंध रखने वाले 13 लोगों और व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाए. हत्या और यातना जैसे अपराधों का हवाला देते हुए ये प्रतिबंध लगाए गए.
वानगर ग्रुप का भविष्य
पुतिन के लिए मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूक्रेन में लड़ने वाले वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन की अगस्त 2023 में मौत हो गई. प्रिगोजिन जिस विमान में सवार थे, वह मॉस्को के क्रैश हो गया.
प्रिगोजिन की मौत से दो महीने पहले वागनर लड़ाकों ने रूसी सेना के खिलाफ बगावत की थी. 23 जून 2023 को बगावत करने वाले वागनर ग्रुप ने कुछ ही घंटों के भीतर रूसी सेना के अहम ठिकानों को अपने कब्जे में ले लिया. वे टैंकों के साथ मॉस्को की तरफ जाने वाले हाइवे पर थे. बगावत के दौरान साफ था कि प्रिगोजिन उसका नेतृत्व कर रहे थे. लेकिन यह विद्रोह कुछ ही घंटे चला और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जांडर लुकाशेंको की मध्यस्थता से बगावत शांत हुई. लुकाशेंको ने वागनर ग्रुप को अपने देश में सुरक्षित पनाह का वचन दिया. वहीं पुतिन ने भाड़े के लड़ाकों को माफ करने का एलान किया.
रूस मामलों के विश्लेषक मान रहे थे कि बगावत के बाद पुतिन, प्रिगोजिन को ठिकाने लगाएंगे और बाकी लड़ाकों को यह संदेश देंगे कि उनकी सत्ता से टकराने का अंजाम क्या होता है. रूस ने प्रिगोजिन की मौत को साजिश बताने से साफ इनकार किया है.
ओएसजे/एसबी (एएफपी, रॉयटर्स, डीडब्ल्यू स्रोत)