मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश पहुंचे, आज लेंगे शपथ
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस गुरुवार को हिंसाग्रस्त बांग्लादेश लौट आए हैं.
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस गुरुवार को हिंसाग्रस्त बांग्लादेश लौट आए हैं. यूनुस एक नई अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे. कई सप्ताह तक चले उग्र छात्र विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा था.गुरुवार दोपहर को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूनुस का स्वागत देश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान ने किया. सेना प्रमुख के साथ वायु सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख भी थे.
हसीना के खिलाफ विद्रोह करने वाले कुछ छात्र नेता भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे. ढाका पहुंचने के बाद यूनुस ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उनकी प्राथमिकता व्यवस्था बहाल करनी होगी.
यूनुस ने छात्र नेताओं के साथ खड़े हो कर कहा, "बांग्लादेश एक परिवार है. हमें इसे एकजुट करना है. इसमें अपार संभावनाएं हैं." उन्होंने सभी से हिंसा रोकने का आग्रह किया और किसी के खिलाफ कोई बदले की कार्रवाई नहीं करने का वादा किया.
उन्होंने आगे कहा कि छात्र प्रदर्शनकारियों ने देश को बचाया है और उस स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए. यूनुस ने यह भी कहा, "हमारे छात्र हमें जो भी रास्ता दिखाएंगे, हम उसी पर आगे बढ़ेंगे."
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यूनुस की सरकार में किसे मिलेगी जगह
यूनुस के आने से पहले ही शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, क्योंकि 5 अगस्त को हसीना सरकार के पतन के बाद देश में कई दिनों से अशांति है. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन गुरुवार रात यूनुस को शपथ दिलाएंगे और इसके बाद यूनुस नए मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे.
दूसरी ओर शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि पार्टी (अवामी लीग) ने हार नहीं मानी है और वह विरोधियों और अंतरिम सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि मेरा परिवार अब राजनीति में शामिल नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से हमारे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, हम हार नहीं मान सकते."
शेख हसीना के सलाहकार के तौर पर काम करने वाले सजीब वाजेद ने इससे पहले 5, अगस्त को कहा था उनकी मां अब राजनीति में नहीं रहेंगी, लेकिन उनका ताजा बयान पिछले बयान के बिल्कुल उलट है. हसीना के इस्तीफे के बाद बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पर न्यूजआवर को दिए इंटरव्यू में वाजेद ने कहा था कि उनकी मां शेख हसीना की कोई राजनीतिक वापसी नहीं होगी. उन्होंने कहा था कि हसीना 4 अगस्त से ही इस्तीफा देने पर विचार कर रही थीं.
15 जुलाई से लेकर अब तक बांग्लादेश में हिंसा में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं. हसीना के इस्तीफे के बाद के दिनों में बढ़ते तनाव ने अराजकता पैदा कर दी, पुलिसकर्मियों ने हमले के बाद थाने छोड़ दिए. हिंसा में दर्जनों अधिकारी मारे गए, जिसके कारण पूरे देश में पुलिस ने काम करना बंद कर दिया. पुलिसकर्मियों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, वे वापस नहीं लौटेंगे.
एए/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)