पेरिस ओलंपिक में छिड़ी ‘जेंडर’ पर बहस

पेरिस ओलंपिक के सातवें दिन महिला मुक्केबाजी के एक मुकाबले ने तब तूल पकड़ लिया जब इटली की मुक्केबाज एंजेला केरिनी ने मैच शुरू होने के 46 सेकेंड के भीतर ही मुकाबला छोड़ने का फैसला कर लिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पेरिस ओलंपिक के सातवें दिन महिला मुक्केबाजी के एक मुकाबले ने तब तूल पकड़ लिया जब इटली की मुक्केबाज एंजेला केरिनी ने मैच शुरू होने के 46 सेकेंड के भीतर ही मुकाबला छोड़ने का फैसला कर लिया.पेरिस ओलंपिक में इन दिनों अल्जीरिया की महिला मुक्केबाज ईमान खलीफ अपने जेंडर की वजह से चर्चा में बनी हुई हैं. सातवें दिन जब खलीफ अपना पहला मुकाबला खेलने उतरीं तो उनका सामना इटली की एंजेला कारीनी से हुआ. मैच शुरू होने के 46 सेकेंड के भीतर ही इटली की मुक्केबाज ने मुकाबला छोड़ने का फैसला ले लिया. उनका कहना था कि वो जान बचाकर इस मुकाबले से बाहर आई थीं.

वहीं खलीफ ने तीन राउंड तक चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हंगरी की मुक्केबाज अन्ना लुका हमोरी को हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है और ओलंपिक का अपना पहला पदक पाने से बस एक कदम दूर हैं.

पहले नहीं मिली थी इजाजत

पिछले साल विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट में फेल होने के बावजूद खलीफ को ओलंपिक में खेलने की इजाजत देना गैरकानूनी कहा जा रहा है. साल 2023 में दिल्ली में आयोजित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ईमान खलीफ और ताइवान की लिन यू-तिंग को जेंडर एलिजिबिलिटी टेस्ट में फेल होने की वजह से बाहर कर दिया गया था. जबकि पेरिस ओलंपिक में ये दोनों खिलाड़ी हिस्सा ले रही हैं.

डीडब्ल्यू से बात करते हुए पूर्व ओलंपियन और बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा, "अगर एक खिलाड़ी ताकत के मामले में दूसरे से ज्यादा पावरफुल होगा तो उसके पंच से कई बार दूसरे की मौत भी हो सकती है, इसलिए इनको बैन करना चाहिए वरना कल को कोई भी सेक्स चेंज कराकर पार्टिसिपेट करने आ जाएगा”

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आईओसी ने क्या कहा

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने इस मामले पर अपना रुख साफ करते हुए कहा कि प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पहले इन खिलाड़ियों की सभी तरह की जांच कराई गई और इन दोनों ने सभी टेस्ट पास किए हैं.

दिल्ली में आयोजित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने कराया था जिसकी विश्व गवर्निंग बॉडी के तौर पर सदस्यता इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने पिछले साल जून में ही खत्म कर दी थी.

विजेंदर कहते हैं कि "इस तरह के आयोजनों में कई बार पॉलिटिकल प्रेशर भी बहुत रहता है तो मुझे लगता है इस वजह से भी ओलंपिक कमेटी और बॉक्सिंग एसोसिएशन में टकराव की स्थिति पैदा हुई होगी.”

कौन हैं ईमान खलीफ

25 साल की ईमान खलीफ अल्जीरिया की नागरिक हैं. जन्म के समय उनका रजिस्ट्रेशन एक महिला के तौर पर हुआ है और उनके पासपोर्ट में भी उन्हें महिला के तौर पर पहचान मिली है. अपने करियर में अब तक कुल 51 मुकाबले खेल चुकी खलीफ को 42 मुकाबलों में जीत हासिल हुई और 9 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है.

2020 के टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने हिस्सा लिया था लेकिन कोई मेडल नहीं जीत पाई थीं. 2022 में विश्व चैंपियनशिप, अफ्रीकन चैंपियनशिप में उन्होंने पदक हासिल किए. 2023 में अरब गेम्स और अफ्रीकन ओलंपिक में भी उन्होंने जीत हासिल की थी.

‘टेस्टोस्टेरोन से नहीं मिलता फायदा'

डीडब्ल्यू से बात करते हुए एथलीट और ओलंपियन दुती चंद ने कहा, "शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ने से किसी खिलाड़ी को एडवांटेज नहीं मिलता है, अगर ऐसा होता तो अल्जीरिया की बॉक्सर अपने करियर में एक भी मैच नहीं हारती लेकिन वो काफी मैच हारी है."

दुती के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा पाए जाने की वजह से उन्हें 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लेने दिया गया था. उन्होंने 2015 में इस फैसले के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (कैस) में अपील की और फैसला उनके हक में आया था.

महिलाओं को नहीं मिलता फायदा

लखनऊ स्थित केजीएमयू के प्रोफेसर सुधीर सिंह कहते हैं, "जिस महिला के शरीर में एक्सवाई क्रोमोसोम पाए जाते हैं, जेनेटिकल रूप से उसे पुरुष माना जाएगा लेकिन उनके शरीर से निकलने वाले टेस्टोस्टेरोन का पुरुषों के शरीर की तरह इस्तेमाल नहीं हो पाता है. वे टेस्टोस्टेरोन के लिए सेंसिटिव नही होते हैं. उनका टेस्टोस्टेरोन नॉर्मल या बढ़ा हुआ होता है. इस बढ़े स्तर से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है."

दुती आगे कहती हैं, "कई बार खिलाड़ी अपनी हार को छिपाने के लिए भी दूसरे खिलाड़ियों पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं ताकि उन पर कोई सवाल ना उठा दे. अगर टेस्टिंग में कोई गलती होती, तो आईओसी खिलाड़ी को पहले ही खेलने से रोक देता.”

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