Former PAK PM On Osama: अमेरिका को पहले से ही पता था पाकिस्तान में छिपा है ओसामा बिन लादेन, पूर्व PM यूसुफ रजा गिलानी ने किया खुलासा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दावा किया है कि ओसामा बिन लादेन के मारे जाने से बहुत पहले ही अमेरिका ने उनकी सरकार के समक्ष उसके पाकिस्तान में छिपे होने की आशंका जता दी थी.

(Photo : X)

इस्लामाबाद, 2 फरवरी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दावा किया है कि 2011 में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के अमेरिकी सील कमांडो के हाथों एबटाबाद में मारे जाने से बहुत पहले ही अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस ने उनकी सरकार के समक्ष उसके पाकिस्तान में छिपे होने की आशंका जता दी थी.

गिलानी 2008 से 2012 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे और उन्हीं के कार्यकाल में ओसामा मारा गया था. राइस ने बतौर अमेरिकी विदेशमंत्री चार बार पाकिस्तान की यात्रा की थीं. दिसंबर 2008 के पहले सप्ताह में उनकी मुलाकात गिलानी से हुई थी. उन्होंने 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के तुरंत बाद भारत से बातचीत करने के बाद अचानक इस्लामाबाद का दौरा किया.

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले जियो न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में गिलानी ने कहा, ‘‘कोंडोलिजा राइस ने पाकिस्तान का दौरा किया था और उन्हें आशंका थी कि वह (बिन लादेन) पाकिस्तान में है.’’

गिलानी से जब पूछा गया कि उन्होंने, राइस की इस जानकारी पर क्या प्रतिक्रिया दी तो पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब उन्होंने इसे साझा किया, तो मैंने कहा कि यह दुष्प्रचार है.’’ दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादियों में से एक लादेन को दो मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो ने एक गुप्त अभियान में मार गिराया था. सऊदी मूल का 54 वर्षीय आतंकवादी सरगना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद शहर में छिपा हुआ था.

यह पूछे जाने पर कि क्या लादेन के पाकिस्तानी छावनी शहर एबटाबाद में होने की जानकारी ने उन्हें स्तब्ध किया तो गिलानी ने कहा, ‘‘यह दुनिया की खुफिया विफलता थी.’’ पूर्व प्रधानमंत्री से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने यह समझा कि लादेन संबंधी जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की है जो राइस उनसे साझा कर रही हैं?

इसके जवाब में गिलानी ने कहा, ‘‘अगर उनके पास कोई सबूत था तो उन्हें हमें देना चाहिए था.' हमने उनकी मदद की होती क्योंकि हम आतंकवाद के खिलाफ थे और हम आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहे थे और कई बहुमूल्य सैनिक और नागरिक शहीद हुए और हमें अरबों डॉलर का भी नुकसान हुआ.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now