रूढ़िवादी की तुलना में उदारवादी मीडिया AI के प्रति अधिक नकारात्मक: अध्ययन
नए शोध से पता चला है कि उदारवादी विचारधारा वाले मीडिया के लेखों में रूढ़िवादी मीडिया के लेखों की तुलना में एआई के प्रति अधिक नकारात्मक भावना होती है.
न्यूयॉर्क, 25 नवंबर : नए शोध से पता चला है कि उदारवादी विचारधारा वाले मीडिया के लेखों में रूढ़िवादी मीडिया के लेखों की तुलना में एआई के प्रति अधिक नकारात्मक भावना होती है. दरअसल, अमेरिका में वर्जीनिया टेक के पैम्पलिन कॉलेज ऑफ बिजनेस के अध्ययन के अनुसार, उदारवादी-झुकाव वाला मीडिया रूढ़िवादी-झुकाव वाले मीडिया की तुलना में एआई का अधिक विरोध करता है. निष्कर्षों के अनुसार, इस विरोध का श्रेय रूढ़िवादी-झुकाव वाले मीडिया की तुलना में उदारवादी-झुकाव वाले मीडिया को दिया जा सकता है, जो समाज में नस्लीय, लिंग और आय असमानताओं जैसे सामाजिक पूर्वाग्रहों को बढ़ाने वाले एआई के बारे में अधिक चिंतित है.
कहने का मतलब है कि जैसे-जैसे एआई की पहुंच बढ़ रही है, शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि समाज का कौन सा वर्ग एआई के प्रति अधिक ग्रहणशील हो सकता है और कौन सा वर्ग इसके प्रति अधिक प्रतिकूल हो सकता है. वर्जीनिया टेक के लेखक, एंजेला यी, श्रेयांस गोयनका और मारियो पांडेलेरे, ने पक्षपातपूर्ण मीडिया भावना का विश्लेषण करके एआई पर विभिन्न प्रतिक्रियाओं की जांच की. उनका रिसर्च 'सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनैलिटी साइंस' जर्नल में प्रकाशित हुआ था. शोधकर्ताओं ने यह भी जांच की कि जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद एआई के प्रति मीडिया की भावना कैसे बदल गई. यह भी पढ़ें : मेड-इन-इंडिया मदरबोर्ड के साथ सरकारी डेस्कटॉप टेंडरों के लिए मजबूत कदम उठाएगी Lenovo इंडिया
यी ने कहा, "चूंकि, फ्लॉयड की मृत्यु ने समाज में सामाजिक पूर्वाग्रहों के बारे में एक राष्ट्रीय बातचीत को प्रज्वलित किया, इसलिए उनकी मृत्यु ने मीडिया में सामाजिक पूर्वाग्रह संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया." "इसके परिणामस्वरूप, मीडिया अपनी कहानी कहने में एआई के प्रति और भी अधिक नकारात्मक हो गया." एआई के प्रति पक्षपातपूर्ण मीडिया भावना की जांच करने के लिए, शोधकर्ताओं ने कई मीडिया आउटलेट्स से एआई के बारे में लिखे गए लेखों का एक संग्रह संकलित किया. उदारवादी-झुकाव वाले आउटलेट्स, जैसे द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट, और अधिक रूढ़िवादी-झुकाव वाले आउटलेट्स, जैसे द वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क पोस्ट का मिश्रण प्राप्त किया गया था.
गोयनका ने जोर देकर कहा कि यह शोध निर्देशात्मक के बजाय वर्णनात्मक है, और एआई पर चर्चा करने के सही तरीके के बारे में कोई रुख नहीं अपनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, "हम यह नहीं बता रहे हैं कि उदार मीडिया बेहतर तरीके से काम कर रहा है या रूढ़िवादी मीडिया बेहतर तरीके से काम कर रहा है." "हम केवल यह दिखा रहे हैं कि ये अंतर मीडिया की भावना में मौजूद हैं और इन अंतरों को मापना, देखना और समझना महत्वपूर्ण है." गोयनका और यी के अनुसार, उनके निष्कर्षों का एआई के आसपास भविष्य की राजनीतिक चर्चाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.