Blind T20 Cricket World Cup: एक क्रिकेट ऐसा भी, जिसकी गेंद में घुंघरू तो बॉल के दो टप्पे भी जरूरी

स्टंप्स का रंग नारंगी या लाल होता है. यह आमतौर पर मेटल के होते हैं. स्टंप्स आपस में जुड़े होते हैं, जिससे इनके गिरने पर खिलाड़ी समझ जाएं कि बल्लेबाज आउट हो गया है. वनडे आमतौर पर 40 ओवर का होता है और टेस्ट तीन दिनों का खेला जाता है

Cricket (Photo Credits Facebook)

क्रिकेट के मैदान मे गेंदबाज कभी-कभी ऐसे गेंदबाजी करता है कि बल्लेबाज को गेंद का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. कभी तो मैदान में फील्डरों के हाथ में आते-आते कैच छूट जाता है. कई मौकों पर तो अम्पायर के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि खिलाड़ी आउट हुआ है या नहीं। अगर इसी रोमांच की बात हम ब्लाइंड क्रिकेटर्स के मामले में करें तब? जरा सोचिए, ये कितना टफ हो जाएगा. चलिए, आज हम कुछ इस तरह की इंट्रेस्टिंग खेल के बारे में बताते हैं, जिन्हें ब्लाइंड क्रिकेटर्स ही खेलते हैं. यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया की फोएबे लीचफील्ड ने कहा, स्मृति मंधाना देखने में मेरे पसंदीदा बाएं हाथ की बल्लेबाजों में से एक

भारत इस बार तीसरे ब्लाइंड टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा है. देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों मे ये मैच 6 से 17 दिसंबर के बीच खेले जाएंगे, वहीं दोनों सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबला बेंगलुरु में होगा. इस वर्ल्ड कप में भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें हिस्सा ले रही हैं.

ब्लाइंड क्रिकेट के नियम

अब चूंकि इस क्रिकेट के खिलाड़ी स्पेशल और सामान्य क्रिकेट के खिलाड़ियों से अलग होते हैं, इसलिए इस क्रिकेट के नियम भी अलग होते हैं. ब्लाइंड क्रिकेट में एक टीम में कम से कम चार नेत्रहीन खिलाड़ी होने चाहिए और अधिकतम चार खिलाड़ी वे होंगे, जिन्हें आंशिक रूप से दिखता हो. इस खेल में गेंद सामान्य से थोड़ी बड़ी होती है.

गेंद के अंदर घुंघरू

गेंद के अंदर मेटल का घुंघरू जैसा कुछ डाला जाता है। इसकी आवाज़ सुनकर ही बल्लेबाज या फील्डर पहचानता है कि बॉल किस ओर जा रही है. गेंदबाज को गेंद डालने से पहले ‘रेडी’ बोलना होता है यदि बल्लेबाज ‘रेडी’ होता है, तो वह ‘यस’ बोलता है. जैसे ही गेंद डाली जाती है, गेंदबाज ‘प्ले’ चिल्लाता है. यदि बल्लेबाज तैयार नहीं होता, तो अंपायर नो बॉल दे देता है. इस क्रिकेट मे अंडरआर्म बॉलिंग होती है, साथ ही गेंद के बल्लेबाज के पास पहुंचने से पहले पिच पर दो टप्पे खाना ज़रूरी होता है. पूरी तरह से नेत्रहीन फील्डर एक बाउंस के बाद भी गेंद पकड़ता है तो उसे कैच माना जाता है. मैच में आर्टिफिशियल पिच का इस्तेमाल किया जाता है.

स्टंप्स का रंग लाल

जानकारी के लिए बता दें कि स्टंप्स का रंग नारंगी या लाल होता है। यह आमतौर पर मेटल के होते हैं. स्टंप्स आपस में जुड़े होते हैं, जिससे इनके गिरने पर खिलाड़ी समझ जाएं कि बल्लेबाज आउट हो गया है. वनडे आमतौर पर 40 ओवर का होता है और टेस्ट तीन दिनों का खेला जाता है.

दोनों बार चैंपियन रहा भारत

इससे पहले 2012 और 2017 में ब्लाइंड टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ है. दोनों ही वर्ल्ड कप में भारतीय टीम चैंपियन हुई थी.

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